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महाराष्ट्र में 21नए जिले

महाराष्ट्र में नए जिले: महाराष्ट्र राज्य की प्रशासनिक सुविधा और स्थानीय विकास में तेजी लाने के लिए 21 नए जिलों के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। ये नए जिले वर्तमान में मौजूद 35 जिलों में से कुछ को विभाजित करके बनाए जाएंगे। इस संबंध में आधिकारिक घोषणा 26 जनवरी, 2025 को होने की उम्मीद है। हिंदुस्तान पोस्ट ने इसकी रिपोर्ट की है।
नए जिलों की प्रस्तावित सूची और विभाजन – महाराष्ट्र में नए जिले
भुसावल (जलगांव)
उदगीर (लातूर)
अम्बेजोगाई (बीड)
मालेगांव (नासिक)
कलवान (नासिक)
किनवट (नांदेड़)
मीरा-भायंदर (ठाणे)
कल्याण (ठाणे)
मंदेश (सांगली/सतारा/सोलापुर)
खामगांव (बुलडाणा)
बारामती (पुणे)
पुसद (यवतमाल)
जव्हार (पालघर)
अचलपुर (अमरावती)
साकोली (भंडारा)
मंदनगढ़ (रत्नागिरी)
महाड (रायगढ़)
शिरडी (अहमदनगर)
संगमनेर (अहमदनगर)
श्रीरामपुर (अहमदनगर)
अहेरी (गढ़चिरौली)
इतिहास और पृष्ठभूमि
महाराष्ट्र का गठन 1 मई 1960 को हुआ था, उस समय राज्य में केवल 25 जिले थे। बाद के समय में राज्य में जनसंख्या वृद्धि और प्रशासनिक आवश्यकताओं के कारण नए जिले बनाए गए। पालघर जिला 2014 में ठाणे जिले को विभाजित करके बनाया गया था। 2018 में राज्य सरकार की एक समिति ने 22 नए जिलों के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। वर्तमान प्रस्ताव में इनमें से अधिकांश जिले शामिल हैं।
उदगीर जिले का विशेष महत्व
लातूर और नांदेड़ जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर एक नया जिला, उदगीर बनाया जाएगा। यह जिला जनसंख्या, प्रशासन और स्थानीय विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा।
नये जिलों के लाभ
प्रशासन आसान और कुशल होगा।
प्रत्येक जिले के आकार में कमी से प्रशासन अधिक चुस्त और प्रभावी हो जाएगा।
स्थानीय विकास को गति मिलेगी।
हर गांव तक पहुंचेगा विकास रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य में बड़े सुधार की संभावना है।
नागरिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
प्रत्येक जिले के प्रशासन पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है।
चुनौतियाँ और कठिनाइयाँ
नये जिलों के निर्माण के लिए बड़ी मात्रा में वित्तीय निवेश की आवश्यकता होगी। जिला मुख्यालयों, सरकारी कार्यालयों और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूंजी की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, प्रशासनिक पुनर्गठन चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की भूमिका
2017-18 में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नए जिलों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था। वर्तमान सरकार ने इस प्रस्ताव पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें विकास और प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता दी जा रही है।
महाराष्ट्र के विकास की नई दिशा
महाराष्ट्र के प्रशासनिक और स्थानीय विकास की दृष्टि से 21 नए जिलों का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय स्वशासन संस्थाएं मजबूत होंगी और नागरिक सुविधाएं बढ़ेंगी। विश्वास है कि इस निर्णय से राज्य के समग्र विकास को नई गति मिलेगी।

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