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रक्षा अनुबंधों में देरी पर वायुसेना प्रमुख का खुलासा

मुंबई: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने सीआईआई बिजनेस समिट 2025 में बोलते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने रक्षा अनुबंधों में हो रही देरी को लेकर खुलकर अपनी चिंता जाहिर की। एयर चीफ मार्शल ने कहा, "जब हम कोई अनुबंध करते हैं, तो हमें पता होता है कि वे चीजें कभी भी समय पर नहीं मिलेंगी। समय की कमी एक बड़ा मुद्दा है। मुझे लगता है कि कोई भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है। हम ऐसा वादा क्यों करें जो पूरा न हो सके?" उन्होंने पूछा।
83 विमानों में से एक भी नहीं मिला
एयर चीफ मार्शल ने रक्षा प्रणाली में कई देरी की ओर इशारा किया, खासकर स्वदेशी परियोजनाओं से जुड़ी देरी। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) कार्यक्रम का जिक्र करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि तेजस Mk1A फाइटर जेट की डिलीवरी रोक दी गई है। फरवरी 2021 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ ऐसा किया गया था। ऑर्डर किए गए 83 विमानों में से अभी तक एक भी विमान की डिलीवरी नहीं हुई है। मार्च 2024 में डिलीवरी शुरू होनी थी।
प्रमुख रक्षा सौदे रुके
भारतीय वायुसेना प्रमुख के अनुसार, इन देरी से कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान भी शामिल है। इस अनुबंध के 3 साल बाद भी अभी तक जेट विमानों की डिलीवरी नहीं हुई है। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि तेजस एमके1 की डिलीवरी में देरी हो रही है। तेजस एमके2 का प्रोटोटाइप अभी तैयार नहीं है। स्टील्थ एएमसीए फाइटर का अभी तक कोई प्रोटोटाइप नहीं है। इसी कॉन्फ्रेंस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब वायुसेना खुद सरकार की 'मेक इन इंडिया' नीति को प्राथमिकता दे रही है। हमें भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। 10 साल में हमें इंडस्ट्री से और उत्पादन मिलेगा, लेकिन जो हम आज चाहते हैं, वह जाहिर तौर पर आज ही चाहिए। हमें अपना काम जल्द से जल्द पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि युद्ध हमारी सेनाओं को मजबूत करके जीते जाते हैं।
युद्ध का स्वरूप बदल रहा है
एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा, "युद्ध का स्वरूप बदल रहा है। हर दिन नई तकनीकें आ रही हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने हमें बताया है कि हम कहां जा रहे हैं और भविष्य में हमें क्या चाहिए। इसलिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है, तभी हम भविष्य में भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएंगे।"
AMCA - एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को भी निजी उद्योग की भागीदारी के लिए मंजूरी दी गई है, जो एक बहुत बड़ा कदम है और यह आज देश का निजी उद्योग पर भरोसा है और मुझे यकीन है कि यह भविष्य में आने वाली बड़ी चीजों का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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