Z मोड़ टनल बस नजराना, गडकरी ने बताया कैसे ये 4 प्रोजेक्ट कर देंगे कश्मीर का कायाकल्प, चीन भी होगा बेचैन
श्रीनगर:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लोगों को कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हो रहे कई कामों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि 2012 में शुरू हुए निर्माण कार्य के पूरा होने और आज शुरू होने को लेकर जम्मू-कश्मीर के लिए ये दिन बेहद महत्वपूर्ण है. हम यहां के विकास के लिए और भी बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि जेड-मोड़ सुरंग के साथ ही जोड़कर हम जोजिला टनल बना रहे हैं. जो 14 किलोमीटर है और 18 किलोमीटर उसका एप्रोच रोड है. उसे तैयार करने में 6800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है, जब हमने पांचवीं बार इसका टेंडर निकाला था, तो उस समय हमने इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन अब हम केवल 6800 करोड़ में बनाकर इसे तैयार करने जा रहे हैं. यानी इसमें हमने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत की.
उन्होंने कहा कि इस टनल को लेकर हमने एक साल तक स्टडी किया. ये एशिया की सबसे ऊंचाई में बन रही टलन है. इसके बनने से श्रीनगर से लेह पहुंचने में अब साढ़े तीन घंटे कम समय लगेगा. ये ऑल सीजन कनेक्टेड रोड है.
सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि हम जम्मू से श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर बना रहे हैं.
श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर का निर्माण
पहला कॉरिडोर - जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग
पहला कॉरिडोर जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग है, जो 16 हजार करोड़ की लागत का है, जो 250 किलोमीटर का है. उम्मीद है कि इसी साल दिसंबर तक उसका काम पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर में हमें 33 टनल बनाने हैं, इसमें 15 टनल हमने बना लिया है. इसके पूरा होने से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी कम होगी और यात्रा के पांच घंटे भी बचेंगे.
दूसरा कॉरिडोर - जम्मू से अनंतनाग मार्ग
दूसरा कॉरिडोर जम्मू से अनंतनाग मार्ग है, जो 202 किलोमीटर का है और इस पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे भी हम दिसंबर 2025 तक पूरा करेंगे. इस मार्ग में 5 टनल बनाने से 68 किलोमीटर की दूरी कम होगी.
तीसरा कॉरिडोर - सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी
वहीं तीसरा कॉरिडोर सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी है. 303 किलोमीटर की ये परियोजना 10 हजार करोड़ की है. इसे हम 2027 तक पूरा कर लेंगे. इससे सूरनकोट से पूंछ और राजौरी के लोगों को श्रीनगर से आना-जाना सुगम होगा और जम्मू से बारामुला तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. इसके 197 किलोमीटर का डीपीआर शुरू हो गया है और जल्दी हम इस पर काम भी शुरू करेंगे.
चौथे कॉरिडोर - जम्मू से अखनूर-सूरनकोट-पुंछ
चौथे कॉरिडोर जम्मू से अखनूर, सूरनकोट, पुंछ ये सभी जम्मू-कश्मीर की लाइफ लाइन है. 203 किलोमीटर की ये सड़क 5 हजार करोड़ की है. इसका भी डीपीआर का काम शुरू हो गया है और जल्द ही पूरा कर हम इस काम को भी शुरू करेंगे. इसमें जम्मू से पुंछ तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. नौशेरा और राजौरी के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
गडकरी ने कहा कि बाद में रफियाबाद-कुपवाड़ा-चामरोड ये ढ़ाई हजार करोड़ की 120 किलोमीटर की सड़क, इसका भी काम दिसंबर 2027 तक पूरा करेंगे. ये मार्ग नॉर्थ-वेस्ट कश्मीर पाकिस्तान सीमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 51 किलोमीटर का ये मार्ग दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा.
श्रीनगर:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग इलाके में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया. इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने लोगों को कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर हो रहे कई कामों से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि 2012 में शुरू हुए निर्माण कार्य के पूरा होने और आज शुरू होने को लेकर जम्मू-कश्मीर के लिए ये दिन बेहद महत्वपूर्ण है. हम यहां के विकास के लिए और भी बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं.
नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि जेड-मोड़ सुरंग के साथ ही जोड़कर हम जोजिला टनल बना रहे हैं. जो 14 किलोमीटर है और 18 किलोमीटर उसका एप्रोच रोड है. उसे तैयार करने में 6800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है, जब हमने पांचवीं बार इसका टेंडर निकाला था, तो उस समय हमने इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन अब हम केवल 6800 करोड़ में बनाकर इसे तैयार करने जा रहे हैं. यानी इसमें हमने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत की.
उन्होंने कहा कि इस टनल को लेकर हमने एक साल तक स्टडी किया. ये एशिया की सबसे ऊंचाई में बन रही टलन है. इसके बनने से श्रीनगर से लेह पहुंचने में अब साढ़े तीन घंटे कम समय लगेगा. ये ऑल सीजन कनेक्टेड रोड है.
सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि हम जम्मू से श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर बना रहे हैं.
श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर का निर्माण
पहला कॉरिडोर - जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग
पहला कॉरिडोर जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग है, जो 16 हजार करोड़ की लागत का है, जो 250 किलोमीटर का है. उम्मीद है कि इसी साल दिसंबर तक उसका काम पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर में हमें 33 टनल बनाने हैं, इसमें 15 टनल हमने बना लिया है. इसके पूरा होने से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी कम होगी और यात्रा के पांच घंटे भी बचेंगे.
दूसरा कॉरिडोर - जम्मू से अनंतनाग मार्ग
दूसरा कॉरिडोर जम्मू से अनंतनाग मार्ग है, जो 202 किलोमीटर का है और इस पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे भी हम दिसंबर 2025 तक पूरा करेंगे. इस मार्ग में 5 टनल बनाने से 68 किलोमीटर की दूरी कम होगी.
तीसरा कॉरिडोर - सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी
वहीं तीसरा कॉरिडोर सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी है. 303 किलोमीटर की ये परियोजना 10 हजार करोड़ की है. इसे हम 2027 तक पूरा कर लेंगे. इससे सूरनकोट से पूंछ और राजौरी के लोगों को श्रीनगर से आना-जाना सुगम होगा और जम्मू से बारामुला तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. इसके 197 किलोमीटर का डीपीआर शुरू हो गया है और जल्दी हम इस पर काम भी शुरू करेंगे.
चौथे कॉरिडोर - जम्मू से अखनूर-सूरनकोट-पुंछ
चौथे कॉरिडोर जम्मू से अखनूर, सूरनकोट, पुंछ ये सभी जम्मू-कश्मीर की लाइफ लाइन है. 203 किलोमीटर की ये सड़क 5 हजार करोड़ की है. इसका भी डीपीआर का काम शुरू हो गया है और जल्द ही पूरा कर हम इस काम को भी शुरू करेंगे. इसमें जम्मू से पुंछ तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. नौशेरा और राजौरी के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
गडकरी ने कहा कि बाद में रफियाबाद-कुपवाड़ा-चामरोड ये ढ़ाई हजार करोड़ की 120 किलोमीटर की सड़क, इसका भी काम दिसंबर 2027 तक पूरा करेंगे. ये मार्ग नॉर्थ-वेस्ट कश्मीर पाकिस्तान सीमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 51 किलोमीटर का ये मार्ग दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा.
नितिन गडकरी ने जानकारी दी कि जेड-मोड़ सुरंग के साथ ही जोड़कर हम जोजिला टनल बना रहे हैं. जो 14 किलोमीटर है और 18 किलोमीटर उसका एप्रोच रोड है. उसे तैयार करने में 6800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि मुझे ये बताते हुए खुशी हो रही है, जब हमने पांचवीं बार इसका टेंडर निकाला था, तो उस समय हमने इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये तय की थी, लेकिन अब हम केवल 6800 करोड़ में बनाकर इसे तैयार करने जा रहे हैं. यानी इसमें हमने लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की बचत की.
उन्होंने कहा कि इस टनल को लेकर हमने एक साल तक स्टडी किया. ये एशिया की सबसे ऊंचाई में बन रही टलन है. इसके बनने से श्रीनगर से लेह पहुंचने में अब साढ़े तीन घंटे कम समय लगेगा. ये ऑल सीजन कनेक्टेड रोड है.
सड़क परिवहन मंत्री ने बताया कि हम जम्मू से श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर बना रहे हैं.
श्रीनगर के बीच 50 हजार करोड़ खर्च कर चार कॉरिडोर का निर्माण
पहला कॉरिडोर - जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग
पहला कॉरिडोर जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर मार्ग है, जो 16 हजार करोड़ की लागत का है, जो 250 किलोमीटर का है. उम्मीद है कि इसी साल दिसंबर तक उसका काम पूरा कर लिया जाएगा. इस कॉरिडोर में हमें 33 टनल बनाने हैं, इसमें 15 टनल हमने बना लिया है. इसके पूरा होने से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी कम होगी और यात्रा के पांच घंटे भी बचेंगे.
दूसरा कॉरिडोर - जम्मू से अनंतनाग मार्ग
दूसरा कॉरिडोर जम्मू से अनंतनाग मार्ग है, जो 202 किलोमीटर का है और इस पर 14 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसे भी हम दिसंबर 2025 तक पूरा करेंगे. इस मार्ग में 5 टनल बनाने से 68 किलोमीटर की दूरी कम होगी.
तीसरा कॉरिडोर - सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी
वहीं तीसरा कॉरिडोर सूरनकोट-शोपिया-बारामूला-उरी है. 303 किलोमीटर की ये परियोजना 10 हजार करोड़ की है. इसे हम 2027 तक पूरा कर लेंगे. इससे सूरनकोट से पूंछ और राजौरी के लोगों को श्रीनगर से आना-जाना सुगम होगा और जम्मू से बारामुला तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. इसके 197 किलोमीटर का डीपीआर शुरू हो गया है और जल्दी हम इस पर काम भी शुरू करेंगे.
चौथे कॉरिडोर - जम्मू से अखनूर-सूरनकोट-पुंछ
चौथे कॉरिडोर जम्मू से अखनूर, सूरनकोट, पुंछ ये सभी जम्मू-कश्मीर की लाइफ लाइन है. 203 किलोमीटर की ये सड़क 5 हजार करोड़ की है. इसका भी डीपीआर का काम शुरू हो गया है और जल्द ही पूरा कर हम इस काम को भी शुरू करेंगे. इसमें जम्मू से पुंछ तक सीधी कनेक्टिविटी होगी. नौशेरा और राजौरी के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.
गडकरी ने कहा कि बाद में रफियाबाद-कुपवाड़ा-चामरोड ये ढ़ाई हजार करोड़ की 120 किलोमीटर की सड़क, इसका भी काम दिसंबर 2027 तक पूरा करेंगे. ये मार्ग नॉर्थ-वेस्ट कश्मीर पाकिस्तान सीमा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 51 किलोमीटर का ये मार्ग दिसंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा.