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आम आदमी को बड़ी राहत; रेपो रेट में कटौती, क्या बैंक लोन सस्ते हो जाएंगे?

रेपो दर:- महंगाई से तंग आ चुके नागरिकों को रिजर्व बैंक ने कुछ राहत प्रदान की है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट में कटौती की घोषणा की है। इसे कर्जदारों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद यह दर 6.25 से 6 प्रतिशत हो गयी है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में दरों में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। यह बैठक 7 से 8 फरवरी के बीच हुई थी। रिजर्व बैंक ने यह कटौती नए वित्त वर्ष के पहले महीने में की है।
फरवरी में रेपो दर में कटौती
रिजर्व बैंक ने फरवरी में रेपो दर में कटौती की थी। आरबीआई ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। फरवरी में हुई बैठक में ब्याज दर 6.50 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दी गई थी। यह कटौती लगभग 5 वर्षों के बाद की गई।
रेपो दर क्या है?
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश के अन्य बैंकों को ऋण देता है। जब रेपो दर बढ़ती है तो बैंकों को महंगी दरों पर ऋण मिलता है। वहीं, जब रेपो रेट कम हो जाती है तो बैंकों को आरबीआई से सस्ती दरों पर कर्ज मिल सकता है।
यदि रेपो दर कम कर दी जाए तो क्या लाभ होगा?
रेपो रेट कम होने के बाद बैंक होम लोन और कार लोन जैसे ऋणों पर ब्याज दरें भी कम कर सकते हैं। आपके सभी ऋण सस्ते हो जाएंगे और ईएमआई भी कम हो जाएगी। यदि ब्याज दरें गिरेंगी तो आवास की मांग बढ़ेगी। अधिक लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे।

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