पृथ्वी पर खतरा! धरती से दूर जा रहा है हमारा चंदा मामा!
नई दिल्ली। चंद्रमा सदियों से पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष में मौजूद है। वर्षों से हम कहानियों में या फिल्मों में चंदा मामा के कई किस्से सुनते आ रहे हैं। चांद न सिर्फ हमारी धरती का उपग्रह है, बल्कि इसका हमारे साथ भावनात्मक रिश्ता भी है। वैज्ञानिकों ने अब चांद को लेकर डराने वाली चेतावनी जारी की है। एक रिसर्च के मुताबिक, चांद हमारी धरती से लगातार दूर जा रहा है। भविष्य में इसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह आने वाले समय को बदल कर रख देगा। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि चांद हर साल धरती से 3.8 सेमी दूर जा रहा है।
विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की एक टीम ने 90 मिलियन वर्ष पुराने चांद को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। रिसर्च में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3.8 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है और इसका हमारे ग्रह पृथ्वी पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। इसका परिणाम यह होगा कि 200 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन 25 घंटे तक चलेगा। अध्ययन से पता चलता है कि 1.4 बिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर एक दिन 18 घंटे चलता था लेकिन, चंद्रमा के लगातार पृथ्वी से दूर जाने की वजह से दिन का समय लगातार बढ़ रहा है।
इस घटना का मुख्य कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण और दोनों पिंडों के ज्वारीय बल से संबंधित है। विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जा रहा है, पृथ्वी की गति धीमी हो रही है।
गौरतलब है कि चंद्रमा के पृथ्वी से दूर जाने की रिसर्च कोई नई खोज नहीं है। वैज्ञानिक दशकों से इस तरह के दावे करते रहे हैं। लेकिन, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय ने बाकायदा उल्कापिंडों और चंद्रमा के अध्ययन के बाद सबूतों के आधार पर यह पुष्टि की है कि चंद्रमा हर वर्ष पृथ्वी से दूर जा रहा है।
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नई दिल्ली। चंद्रमा सदियों से पृथ्वी के ऊपर अंतरिक्ष में मौजूद है। वर्षों से हम कहानियों में या फिल्मों में चंदा मामा के कई किस्से सुनते आ रहे हैं। चांद न सिर्फ हमारी धरती का उपग्रह है, बल्कि इसका हमारे साथ भावनात्मक रिश्ता भी है। वैज्ञानिकों ने अब चांद को लेकर डराने वाली चेतावनी जारी की है। एक रिसर्च के मुताबिक, चांद हमारी धरती से लगातार दूर जा रहा है। भविष्य में इसके कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। यह आने वाले समय को बदल कर रख देगा। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि चांद हर साल धरती से 3.8 सेमी दूर जा रहा है।
विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय की एक टीम ने 90 मिलियन वर्ष पुराने चांद को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। रिसर्च में बताया गया है कि चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3.8 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से दूर जा रहा है और इसका हमारे ग्रह पृथ्वी पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है। इसका परिणाम यह होगा कि 200 मिलियन वर्षों में पृथ्वी पर दिन 25 घंटे तक चलेगा। अध्ययन से पता चलता है कि 1.4 बिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर एक दिन 18 घंटे चलता था लेकिन, चंद्रमा के लगातार पृथ्वी से दूर जाने की वजह से दिन का समय लगातार बढ़ रहा है।
इस घटना का मुख्य कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण और दोनों पिंडों के ज्वारीय बल से संबंधित है। विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जा रहा है, पृथ्वी की गति धीमी हो रही है।
गौरतलब है कि चंद्रमा के पृथ्वी से दूर जाने की रिसर्च कोई नई खोज नहीं है। वैज्ञानिक दशकों से इस तरह के दावे करते रहे हैं। लेकिन, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय ने बाकायदा उल्कापिंडों और चंद्रमा के अध्ययन के बाद सबूतों के आधार पर यह पुष्टि की है कि चंद्रमा हर वर्ष पृथ्वी से दूर जा रहा है।
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इस घटना का मुख्य कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण और दोनों पिंडों के ज्वारीय बल से संबंधित है। विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर स्टीफन मेयर्स ने कहा, जैसे-जैसे चंद्रमा दूर होता जा रहा है, पृथ्वी की गति धीमी हो रही है।
गौरतलब है कि चंद्रमा के पृथ्वी से दूर जाने की रिसर्च कोई नई खोज नहीं है। वैज्ञानिक दशकों से इस तरह के दावे करते रहे हैं। लेकिन, विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय ने बाकायदा उल्कापिंडों और चंद्रमा के अध्ययन के बाद सबूतों के आधार पर यह पुष्टि की है कि चंद्रमा हर वर्ष पृथ्वी से दूर जा रहा है।
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