
बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान मामले में लालू यादव को नोटिस, 15 दिन के अंदर मांगा जवाब, तेजस्वी यादव क्या बोले?
Lalu Yadav Received Notice: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान के आरोप के मामले में बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लिया है. राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने RJD सुप्रीमो लालू यादव को नोटिस भेजा है. 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है. पूछा गया है कि क्यों नहीं आप पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए?
वहीं आयोग की ओर से जारी पत्र में कई अशुद्धियां भी हैं. लालू को भेजे गये नोटिस में लिखा गया, ''आपने जन्मदिन के अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के फोटो का अपमान किया है, जो सोशल मीडिया पर लगातार देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि अंबेडकर के अपमान से किसी एक वर्ग का नहीं पूरे देश के सम्मान को ठेस पहुंची है. 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण दें और बतायें कि क्यों नहीं आप पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए?
बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान मामले में लालू यादव को नोटिस, 15 दिन के अंदर मांगा जवाब, तेजस्वी यादव क्या बोले?
क्या है लालू यादव से जुड़ा पूरा मामला?
दरअसल, 11 जून को आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपना 78वां जन्मदिन मनाया था. 14 जून को एक वीडियो सामने आया जो चुनावी वर्ष में उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि लालू यादव कुर्सी पर बैठे हैं. वे अपने पैरों को सामने दूसरी कुर्सी पर रखे हैं. इस बीच एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर हाथ में लेकर आता है और लालू के साथ फोटो खिंचवाने लगता है. जिस तरीके से फोटो खिंचवाया गया है उससे ऐसा लग रहा है कि अंबेडकर की तस्वीर लालू यादव के पैरों के पास है और इसी को लेकर अब विवाद हो गया है.
'जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया गया'
बहरहाल ये मामला तूल पकड़ता जा रहा. सियासत गरमाई हुई है. NDA के नेता सोशल मीडिया पर वीडियो को लगातार शेयर कर रहे हैं. NDA लगातार लालू यादव की घेराबंदी कर रहा है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि लालू यादव ने जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया. सत्ता पक्ष के नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि लालू यादव ने दलितों का अपमान किया.
BJP को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं- तेजस्वी
उधर, विवाद बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी बड़का झूठा पार्टी है. बीजेपी को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं है. लालू प्रसाद ने पूरे बिहार में अंबेडकर की कई मूर्तियां लगवाई हैं. हम लोग अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं.''
Lalu Yadav Received Notice: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान के आरोप के मामले में बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लिया है. राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने RJD सुप्रीमो लालू यादव को नोटिस भेजा है. 15 दिनों के अंदर जवाब मांगा है. पूछा गया है कि क्यों नहीं आप पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए?
वहीं आयोग की ओर से जारी पत्र में कई अशुद्धियां भी हैं. लालू को भेजे गये नोटिस में लिखा गया, ''आपने जन्मदिन के अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के फोटो का अपमान किया है, जो सोशल मीडिया पर लगातार देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि अंबेडकर के अपमान से किसी एक वर्ग का नहीं पूरे देश के सम्मान को ठेस पहुंची है. 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण दें और बतायें कि क्यों नहीं आप पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए?
बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान मामले में लालू यादव को नोटिस, 15 दिन के अंदर मांगा जवाब, तेजस्वी यादव क्या बोले?
क्या है लालू यादव से जुड़ा पूरा मामला?
दरअसल, 11 जून को आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपना 78वां जन्मदिन मनाया था. 14 जून को एक वीडियो सामने आया जो चुनावी वर्ष में उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि लालू यादव कुर्सी पर बैठे हैं. वे अपने पैरों को सामने दूसरी कुर्सी पर रखे हैं. इस बीच एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर हाथ में लेकर आता है और लालू के साथ फोटो खिंचवाने लगता है. जिस तरीके से फोटो खिंचवाया गया है उससे ऐसा लग रहा है कि अंबेडकर की तस्वीर लालू यादव के पैरों के पास है और इसी को लेकर अब विवाद हो गया है.
'जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया गया'
बहरहाल ये मामला तूल पकड़ता जा रहा. सियासत गरमाई हुई है. NDA के नेता सोशल मीडिया पर वीडियो को लगातार शेयर कर रहे हैं. NDA लगातार लालू यादव की घेराबंदी कर रहा है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि लालू यादव ने जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया. सत्ता पक्ष के नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि लालू यादव ने दलितों का अपमान किया.
BJP को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं- तेजस्वी
उधर, विवाद बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी बड़का झूठा पार्टी है. बीजेपी को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं है. लालू प्रसाद ने पूरे बिहार में अंबेडकर की कई मूर्तियां लगवाई हैं. हम लोग अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं.''
वहीं आयोग की ओर से जारी पत्र में कई अशुद्धियां भी हैं. लालू को भेजे गये नोटिस में लिखा गया, ''आपने जन्मदिन के अवसर पर संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के फोटो का अपमान किया है, जो सोशल मीडिया पर लगातार देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि अंबेडकर के अपमान से किसी एक वर्ग का नहीं पूरे देश के सम्मान को ठेस पहुंची है. 15 दिन के अंदर स्पष्टीकरण दें और बतायें कि क्यों नहीं आप पर अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए?
बाबा साहेब अंबेडकर के अपमान मामले में लालू यादव को नोटिस, 15 दिन के अंदर मांगा जवाब, तेजस्वी यादव क्या बोले?
क्या है लालू यादव से जुड़ा पूरा मामला?
दरअसल, 11 जून को आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपना 78वां जन्मदिन मनाया था. 14 जून को एक वीडियो सामने आया जो चुनावी वर्ष में उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है. सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि लालू यादव कुर्सी पर बैठे हैं. वे अपने पैरों को सामने दूसरी कुर्सी पर रखे हैं. इस बीच एक समर्थक अंबेडकर की तस्वीर हाथ में लेकर आता है और लालू के साथ फोटो खिंचवाने लगता है. जिस तरीके से फोटो खिंचवाया गया है उससे ऐसा लग रहा है कि अंबेडकर की तस्वीर लालू यादव के पैरों के पास है और इसी को लेकर अब विवाद हो गया है.
'जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया गया'
बहरहाल ये मामला तूल पकड़ता जा रहा. सियासत गरमाई हुई है. NDA के नेता सोशल मीडिया पर वीडियो को लगातार शेयर कर रहे हैं. NDA लगातार लालू यादव की घेराबंदी कर रहा है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि लालू यादव ने जानबूझकर अंबेडकर का अपमान किया. सत्ता पक्ष के नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि लालू यादव ने दलितों का अपमान किया.
BJP को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं- तेजस्वी
उधर, विवाद बढ़ता देख नेता प्रतिपक्ष और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''बीजेपी बड़का झूठा पार्टी है. बीजेपी को अंबेडकर या संविधान से कोई मतलब नहीं है. लालू प्रसाद ने पूरे बिहार में अंबेडकर की कई मूर्तियां लगवाई हैं. हम लोग अंबेडकर की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं.''