राज्यपाल के कार्यक्रम के लिए गरीब का घर गिरा दिया
-3 साल का मासूम बोला-पापा रोटी चाहिए; पिता का जवाब -कहां से लाएं
हमीरपुर। पापा रोटी, पापा रोटी...। ये शब्द हैं एक 3 साल के बच्चे के, जिसकी आंखों के सामने उसका घर गिर रहा था। लेकिन भूख से परेशान बच्चा अपने पापा को पकड़कर उनसे रोटी मांग रहा था। वहीं पापा उससे कहते हैं, ‘अब रोटी बाद में खाना। कहां रोटी बनाएंगे? कहां बैठकर खाएंगे?’ यह सुनने के बाद बच्चा और तेज रोने लगता है।
दरअसल, हमीरपुर में 4 अगस्त को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यक्रम है। इसको लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सड़कों की मरम्मत, रूट डॉयवर्जन समेत कार्यक्रम स्थल को सजा दिया गया है। मगर, इन्हीं तैयारियों के बीच में एक गरीब परिवार बेघर हो गया है।
जिस कैंपस में राज्यपाल का कार्यक्रम होना है। उसी से सटा एक गरीब परिवार का एक मंजिला मकान बना हुआ था। ये मकान उसको सीएम आवास योजना के तहत मिला था। यहां पर वह साल 2017 से रह रहा था। उसी मकान पर सोमवार देर रात को प्रशासन का बुलडोजर चल गया।
संतोष का बेटा रोटी के लिए रोता रहा
संतोष अपनी पत्नी सीमा और 4 बच्चों के साथ कल्पवृक्ष इलाके में रहता है। मगर, आज वह और उसका परिवार बेघर हो गया है। गोद में 15 दिन का नवजात लिए उसकी पत्नी सीमा सड़क के किनारे बैठी रही। वहीं भूख से परेशान संतोष का 3 साल का बेटा अपने पापा से बार-बार रोटी मांगता रहा। वह अपने पापा से उसी टूटे हुए घर में चल कर रोटी बनाने के लिए कह रहा था।
-3 साल का मासूम बोला-पापा रोटी चाहिए; पिता का जवाब -कहां से लाएं
हमीरपुर। पापा रोटी, पापा रोटी...। ये शब्द हैं एक 3 साल के बच्चे के, जिसकी आंखों के सामने उसका घर गिर रहा था। लेकिन भूख से परेशान बच्चा अपने पापा को पकड़कर उनसे रोटी मांग रहा था। वहीं पापा उससे कहते हैं, ‘अब रोटी बाद में खाना। कहां रोटी बनाएंगे? कहां बैठकर खाएंगे?’ यह सुनने के बाद बच्चा और तेज रोने लगता है।
दरअसल, हमीरपुर में 4 अगस्त को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यक्रम है। इसको लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सड़कों की मरम्मत, रूट डॉयवर्जन समेत कार्यक्रम स्थल को सजा दिया गया है। मगर, इन्हीं तैयारियों के बीच में एक गरीब परिवार बेघर हो गया है।
जिस कैंपस में राज्यपाल का कार्यक्रम होना है। उसी से सटा एक गरीब परिवार का एक मंजिला मकान बना हुआ था। ये मकान उसको सीएम आवास योजना के तहत मिला था। यहां पर वह साल 2017 से रह रहा था। उसी मकान पर सोमवार देर रात को प्रशासन का बुलडोजर चल गया।
संतोष का बेटा रोटी के लिए रोता रहा
संतोष अपनी पत्नी सीमा और 4 बच्चों के साथ कल्पवृक्ष इलाके में रहता है। मगर, आज वह और उसका परिवार बेघर हो गया है। गोद में 15 दिन का नवजात लिए उसकी पत्नी सीमा सड़क के किनारे बैठी रही। वहीं भूख से परेशान संतोष का 3 साल का बेटा अपने पापा से बार-बार रोटी मांगता रहा। वह अपने पापा से उसी टूटे हुए घर में चल कर रोटी बनाने के लिए कह रहा था।
हमीरपुर। पापा रोटी, पापा रोटी...। ये शब्द हैं एक 3 साल के बच्चे के, जिसकी आंखों के सामने उसका घर गिर रहा था। लेकिन भूख से परेशान बच्चा अपने पापा को पकड़कर उनसे रोटी मांग रहा था। वहीं पापा उससे कहते हैं, ‘अब रोटी बाद में खाना। कहां रोटी बनाएंगे? कहां बैठकर खाएंगे?’ यह सुनने के बाद बच्चा और तेज रोने लगता है।
दरअसल, हमीरपुर में 4 अगस्त को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का कार्यक्रम है। इसको लेकर प्रशासन ने सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। सड़कों की मरम्मत, रूट डॉयवर्जन समेत कार्यक्रम स्थल को सजा दिया गया है। मगर, इन्हीं तैयारियों के बीच में एक गरीब परिवार बेघर हो गया है।
जिस कैंपस में राज्यपाल का कार्यक्रम होना है। उसी से सटा एक गरीब परिवार का एक मंजिला मकान बना हुआ था। ये मकान उसको सीएम आवास योजना के तहत मिला था। यहां पर वह साल 2017 से रह रहा था। उसी मकान पर सोमवार देर रात को प्रशासन का बुलडोजर चल गया।
संतोष का बेटा रोटी के लिए रोता रहा
संतोष अपनी पत्नी सीमा और 4 बच्चों के साथ कल्पवृक्ष इलाके में रहता है। मगर, आज वह और उसका परिवार बेघर हो गया है। गोद में 15 दिन का नवजात लिए उसकी पत्नी सीमा सड़क के किनारे बैठी रही। वहीं भूख से परेशान संतोष का 3 साल का बेटा अपने पापा से बार-बार रोटी मांगता रहा। वह अपने पापा से उसी टूटे हुए घर में चल कर रोटी बनाने के लिए कह रहा था।