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पुणे की छात्रा की गिरफ्तारी से देशभर में हंगामा, कोलकाता पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

पुणे: पुणे की 22 वर्षीय लॉ छात्रा शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने देश में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। कोलकाता पुलिस ने बिना कोई कानूनी नोटिस या वारंट दिखाए शर्मिष्ठा को हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। इस घटना के बाद शनिवार को सोशल मीडिया पर हैशटैग #ArrestSharmishta ट्रेंड कर रहा था। शर्मिष्ठा के समर्थन और विरोध में कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए।
क्या है मामला?
शर्मिष्ठा पनोली पर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने का आरोप है। उन्होंने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है और दावा किया जा रहा है कि इसमें पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ी कुछ नामचीन हस्तियों को निशाना बनाया गया है। इस वीडियो के जरिए उन पर एक खास समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। विवाद बढ़ने के बाद शर्मिष्ठा ने वीडियो डिलीट कर दिया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। इसके बावजूद कोलकाता पुलिस ने उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया।
कोलकाता पुलिस की कार्रवाई की आलोचना
कोलकाता पुलिस द्वारा बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए शर्मिष्ठा की गिरफ्तारी पर कई लोगों ने नाराजगी जताई है। दिल्ली में एक मजिस्ट्रेट ने आधी रात को ट्रांजिट रिमांड मंजूर की और शर्मिष्ठा को कोलकाता ले जाया गया। कुछ लोगों ने इस कार्रवाई को 'अवैध' और 'शर्मनाक' बताया है, जबकि अन्य ने शर्मिष्ठा पर आतंकवादियों जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
AIMIM नेता वारिस पठान पर आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल हुए कुछ पोस्ट के अनुसार, AIMIM नेता वारिस पठान ने शर्मिष्ठा के वीडियो पर आपत्ति जताई थी और उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। इस वजह से उन्हें इस गिरफ्तारी के पीछे मुख्य मास्टरमाइंड माना जा रहा है। शर्मिष्ठा के खिलाफ कोलकाता के आनंदपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और कई लोगों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करके #ArrestSharmishta अभियान का समर्थन किया है।
राजनीतिक दबाव का आरोप
कुछ लोगों के अनुसार, पश्चिम बंगाल सरकार के दबाव में गिरफ्तारी की गई। इस पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार ने आलोचना की है। शर्मिष्ठा को अब कोलकाता ले जाया गया है, जहाँ आगे की कानूनी कार्रवाई की संभावना है।
आगे क्या?
इस मामले ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ पैदा की हैं, जहाँ कुछ लोगों ने शर्मिष्ठा की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया है, जबकि अन्य लोगों ने उनके वीडियो से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का मुद्दा उठाया है। इस मामले में आगे क्या होता है, इस पर सभी का ध्यान है।

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