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श्वान को पिटा , दर्दनाक मौत : शेळके दंपत्तीपर एफआरआय दर्ज

श्वान को पिटा , दर्दनाक मौत : शेळके दंपत्तीपर  एफआरआय दर्ज
नागपूर- नंदनवन पुलीसने  पशुक्रूरता के मामलेमें पशुप्रेमियोमके हस्तक्षेप के बाद पुलीसने शेलके दंपती के  खिलाप गुन्हा दर्ज किया.
नंदनवन पोलीस स्टेशनतंर्गत आनेवाले शितला माता मंदिर के पास मादा श्वान ने 2 बच्चे को जन्म दिया था, उनकी उम्र  देढ माह हैं, हमेशा की तरह श्वान एक बच्चा सुरेश शेळके के घर के सामने खेल रहा था, बच्चे को देखकर सुरेश शेळके, मीरा शेळके क्रोधीत हुए और लाठी से बच्चे को बडे बेहरमी से पिटा.  अधमरे हालत मे उठाकर एन.आय.टी के मैदान मे फेक दिया।   पशुप्रेमी संगीता कायरकर  को यह देखा नही गया. उन्होने तुरंत उसे  इलाज हेतू पशुचिकित्सालय भेजा. पशुचिकित्सकने बताया  की श्वानके सिरपर लाठीके  प्रहार से गहरी चोट लगी हैं. इसलीये  बच पाना मुश्किल हैं, स्थिती गंभीर हैं। संगिताने
यह जानकारी आरएडी बहुउद्देशीय संस्थाके अध्यक्ष राजेश को दी. संस्था के पदधिकारी और पशुप्रेमी महिला संगीता कायरकर के साथ नंदनवन पुलीस स्टेशन पहुचे। शिकायत दर्ज कर कारवाई की मांग की. पुलीसने एनसी रिपोर्ट बनाई।  संस्थाके अध्यक्षने  इसकी  जानकारी राज्यके पशुकल्याण अधिकारी स्वप्नील बोधाने को दी.वे रात 10 बजे नंदनवन पुलीस स्टेशन पहुचे. पुलीस निरीक्षक पवार  से मुलाकात कर मामला समझाया . उसके बाद पुलिस सक्ते में आगयी.  घटनास्थल पुहचकर पंचनामा किया. उसके बाद  सुरेश शेळके, मीरा शेळके दंपत्ती पर पशुक्रूरता निवारण अधिनियम 1860 एवं भारतीय दंड संहिता 428, 34 के अंतर्गत गुन्हा दर्ज किया. श्वान बच्चे की आज  मौत हुई। 
         इस पुरे विषय मे डॉ. रोहित माडेवार, राजेश, राजीव म्हैसबडवे, जॅक निकोलस, प्रियांशु कायरकर, नयन म्हैसबडवे, प्रियांशु कायरकर, निखिल भागडेकर, हर्ष मंडाले, जयेश भोंगाडे  सहयोग रहा।
◾ पशुक्रूरता मे क्या शामिल हैं
  -सडक के स्वस्थ श्वानो को पकडने हेतू म.न.पा, जिल्हा परिषद, ग्रामपंचायत को शिकायत देना दबाव डालना, अपने पालतू पशुओ किसीं भी कारणवश जानबुझकर सडक पर छोड देना, पशुओ पर गर्म पाणी डालना, पालतू जानवरो को खाना-पाणी-उचित जगह -वक्त पर इलाज मुहैया ना करवाना, गाय-बैल अन्य पशुओ पर क्षमता से अधिक बोझ लादना, किसीं जंगली जीव को पकडणे-आकर्षीत करने के लिये पालतू पशु का उपयोग करना, जखमी-बिमार पशुओ से काम करवाना, सडक के श्वानो एवं अन्य पशुओ को लाठी-पथरो से मारना-चोट पहुचाना, जहर देना, हत्या करना, उन्हे उनकी जगह से भगाना, वाहनो से पशुओ को कुचल देना-जखमी करना, पशुओ को छोटे -बडे वाहनो-रिक्षा मे क्रूरता से भरकर परिवहन करना, पशुपक्षीयो का लढाई हेतू वापर करना, सडक के श्वानो को, सोसायटी के श्वान, कॉलोनी के श्वान दुसरी जगह स्थलांतरीत करना यह पशुक्रूरता के श्रेणी मे आता हैं इस क्रूर कृत्य हेतू जेल भी जाना पड सकता हैं। पशुओ को भी संविधानिक एवं कानूनन अधिकार प्राप्त हैं इसलीये पशुक्रूरता की घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ती पर पशुक्रूरता अधिनियम एवं भारतीय दंड संहिता 428, 429 नुसार पुलीस विभाग कार्यवाही कर सकता हैं।
 - स्वप्नील बोधाने, पशुकल्याण अधिकारी

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