
ट्रंप के टैरिफ से चीन की इकोनॉमी को तगड़ा झटका! एक्सपर्ट बोले 2 फीसदी तक गिर सकती है GDP
वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ नीतियों ने चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट पहुंचाने की आशंका जता दी है। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान चीन से आयातित सामानों पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही थी, और अब उनके सत्ता में आने के बाद यह नीति लागू होने की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफ्स के कारण चीन की जीडीपी में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका, जो चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, अगर टैरिफ बढ़ाता है तो इससे चीनी निर्यात पर भारी असर पड़ेगा। इससे न केवल चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री प्रभावित होगी, बल्कि रोजगार और घरेलू खपत पर भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध के कारण पहले ही चीन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, और अब नए टैरिफ इस स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।
चीन की सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजिंग इन टैरिफ्स का जवाब अपनी नीतियों में बदलाव या जवाबी टैरिफ के साथ दे सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस खबर से हलचल मच गई है, क्योंकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी इसका असर पड़ सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थिति न केवल चीन के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ट्रंप प्रशासन अपनी इस नीति को कितनी सख्ती से लागू करता है और चीन इसका जवाब कैसे देता है।
वाशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रस्तावित टैरिफ नीतियों ने चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट पहुंचाने की आशंका जता दी है। ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान चीन से आयातित सामानों पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही थी, और अब उनके सत्ता में आने के बाद यह नीति लागू होने की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफ्स के कारण चीन की जीडीपी में 2 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अमेरिका, जो चीन का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, अगर टैरिफ बढ़ाता है तो इससे चीनी निर्यात पर भारी असर पड़ेगा। इससे न केवल चीन की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री प्रभावित होगी, बल्कि रोजगार और घरेलू खपत पर भी नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध के कारण पहले ही चीन को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, और अब नए टैरिफ इस स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं।
चीन की सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि बीजिंग इन टैरिफ्स का जवाब अपनी नीतियों में बदलाव या जवाबी टैरिफ के साथ दे सकता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस खबर से हलचल मच गई है, क्योंकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर भी इसका असर पड़ सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थिति न केवल चीन के लिए, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ट्रंप प्रशासन अपनी इस नीति को कितनी सख्ती से लागू करता है और चीन इसका जवाब कैसे देता है।