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क्या पवार गुट में फूट पड़ेगी? जयंत पाटिल पर युवा नेताओं का गुस्सा
सूत्रों ने जानकारी दी है कि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में अंदरूनी मतभेद पैदा हो गए हैं। समझा जाता है कि पार्टी में कुछ युवा नेता जयंत पाटिल की कार्यशैली से नाखुश हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी में कुछ अहम फैसलों और नेतृत्व के रवैये को लेकर युवा नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसी वजह से शरद पवार गुट में अंदरूनी तनाव पैदा हुआ है।
हालांकि जयंत पाटिल ने इन चर्चाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "अगर पार्टी में मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। हम सभी पार्टी की भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।" हालांकि, पार्टी में युवा नेताओं की नाराजगी और उम्मीदें अगले कुछ दिनों में पार्टी की अंदरूनी राजनीति में हलचल मचा सकती हैं।
सभी की नजर इस बात पर है कि शरद पवार इन घटनाक्रमों पर क्या रुख अपनाते हैं। यह देखना अहम होगा कि पार्टी में यह स्थिति आने वाले चुनावों को किस तरह प्रभावित करती है।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में अंदरूनी मतभेद पैदा हो गए हैं। समझा जाता है कि पार्टी में कुछ युवा नेता जयंत पाटिल की कार्यशैली से नाखुश हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी में कुछ अहम फैसलों और नेतृत्व के रवैये को लेकर युवा नेताओं में असंतोष बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसी वजह से शरद पवार गुट में अंदरूनी तनाव पैदा हुआ है।
हालांकि जयंत पाटिल ने इन चर्चाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "अगर पार्टी में मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। हम सभी पार्टी की भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।" हालांकि, पार्टी में युवा नेताओं की नाराजगी और उम्मीदें अगले कुछ दिनों में पार्टी की अंदरूनी राजनीति में हलचल मचा सकती हैं।
सभी की नजर इस बात पर है कि शरद पवार इन घटनाक्रमों पर क्या रुख अपनाते हैं। यह देखना अहम होगा कि पार्टी में यह स्थिति आने वाले चुनावों को किस तरह प्रभावित करती है।
हालांकि जयंत पाटिल ने इन चर्चाओं को ज्यादा महत्व नहीं दिया है। उन्होंने कहा, "अगर पार्टी में मतभेद हैं तो उन्हें बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा। हम सभी पार्टी की भलाई के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।" हालांकि, पार्टी में युवा नेताओं की नाराजगी और उम्मीदें अगले कुछ दिनों में पार्टी की अंदरूनी राजनीति में हलचल मचा सकती हैं।
सभी की नजर इस बात पर है कि शरद पवार इन घटनाक्रमों पर क्या रुख अपनाते हैं। यह देखना अहम होगा कि पार्टी में यह स्थिति आने वाले चुनावों को किस तरह प्रभावित करती है।