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पाकिस्तान को मिली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान, जुलाई में इन दो अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

इस्लामाबाद: मंगलवार, 1 जुलाई 2025 से पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता संभाल ली है। यह जिम्मेदारी पाकिस्तान के 2025-26 के लिए परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में चुने गए दो साल के कार्यकाल का हिस्सा है। पाकिस्तान को इस साल जनवरी में 193 में से 182 वोटों के भारी समर्थन के साथ अस्थायी सदस्य चुना गया था। परिषद की अध्यक्षता इसके 15 सदस्य देशों के बीच वर्णमाला क्रम में हर महीने बदलती रहती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वह इस जिम्मेदारी को "उद्देश्य, नम्रता और दृढ़ विश्वास" के साथ निभाएगा। पाकिस्तान का दृष्टिकोण संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान और बहुपक्षीयता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता पर आधारित रहेगा। दो बड़े आयोजनों की मेजबानी करेगा पाकिस्तान पाकिस्तान ने जुलाई महीने में दो महत्वपूर्ण आयोजनों की योजना बनाई है। पहला, 22 जुलाई को "बहुपक्षीयता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना" विषय पर एक खुली बहस होगी। दूसरा, 24 जुलाई को "संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय व उप-क्षेत्रीय संगठनों के बीच सहयोग: इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC)" पर एक ब्रीफिंग आयोजित की जाएगी। इन दोनों बैठकों की अध्यक्षता पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार करेंगे। पाकिस्तानी दूत असिम इफ्तिखार अहमद ने कहा, "पाकिस्तान की अध्यक्षता पारदर्शी, समावेशी और जवाबदेह होगी।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो इसके शांति स्थापना और शांति निर्माण में लंबे योगदान से आकार लेता है। भारत की चिंताएं और क्षेत्रीय तनाव पाकिस्तान की अध्यक्षता शुरू होने के साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस्लामाबाद की आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों को उजागर किया है। भारत ने हाल ही में पहलगाम नरसंहार का हवाला देकर पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा, पाकिस्तान की तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता और आतंकवाद निरोधक समिति में उपाध्यक्ष की भूमिका को लेकर भी भारत ने चिंता जताई है, क्योंकि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित कई आतंकवादियों का ठिकाना माना जाता है। पाकिस्तान की यह अध्यक्षता 2013 के बाद पहली बार है, और यह वैश्विक मंच पर उसकी कूटनीतिक सक्रियता को दर्शाती है। हालांकि, क्षेत्रीय तनाव और भारत के साथ चल रहे विवाद इसकी भूमिका को जटिल बना सकते हैं।

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