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विजय वडेट्टीवार ने बिजली गिरने से मरने वालों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता की मांग की

महाराष्ट्र विधानसभा मानसून सत्र: विजय वडेट्टीवार ने बिजली गिरने से मरने वालों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता की मांग की
महाराष्ट्र विधानसभा मानसून सत्र 2025: राज्य का मानसून सत्र अभी चल रहा है और विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को निशाने पर लिया है। आज की कार्यवाही के दौरान राज्य में बिजली गिरने से किसानों और खेत मजदूरों की मौत हो जाती है। जब कोई किसान या खेत मजदूर मर जाता है, तो उसका परिवार खुले में छोड़ दिया जाता है। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने मांग की कि सहायता राशि बढ़ाई जाए, क्योंकि ऐसे परिवारों को केवल 4 लाख रुपये दिए जाते हैं।
विधानसभा में तारांकित प्रश्नकाल के दौरान विधायक दल के नेता वडेट्टीवार ने मांग की कि बिजली गिरने से किसानों या खेत मजदूरों की मौत के मामले में 10 लाख रुपये दिए जाएं। बाघ के हमले के मामले में 25 लाख रुपये दिए जाते हैं। हालांकि, बिजली गिरने से मौत के मामले में चार लाख रुपये दिए जाते हैं। वडेट्टीवार ने मांग की कि सहायता राशि बढ़ाई जाए क्योंकि यह सहायता पर्याप्त नहीं है। इस पर आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि पहले बिजली गिरने से होने वाली मौतों को राज्य आपदा प्रबंधन में शामिल नहीं किया जाता था, लेकिन अब इसे शामिल कर लिया गया है। मंत्री महाजन ने आश्वासन दिया कि वे इस मामले में राहत कोष बढ़ाने के बारे में उनके सुझावों पर विचार करेंगे और मुख्यमंत्री से इस बारे में चर्चा करेंगे। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में बिजली गिरने से वर्ष 2022 में 236 मौतें हुईं, जबकि वर्ष 2023 में 181 मौतें हुईं। बाघ पर किसका नियंत्रण है? इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि बिजली गिरने से होने वाली मौतें एक प्राकृतिक आपदा है। इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। लेकिन अगर बाघ के हमले से कोई मौत होती है, तो इसमें मानवीय हस्तक्षेप होता है और इसके आधार पर सहायता तय की जाएगी। इस पर भास्कर जाधव ने पूछा, तो फिर बाघ पर किसका नियंत्रण है? इस पर राहुल नार्वेकर ने भी जवाब दिया कि बाघ पर किसका नियंत्रण है? यह अभी स्पष्ट नहीं है।

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