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अकोला जिला नियोजन बैठक में तनाव, दो विधायकों के बीच जमकर मारपीट
अकोला: अकोला से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिला नियोजन समिति की बैठक में दलित बस्तियों के मुद्दे पर भाजपा विधायक रणधीर सावरकर और ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों विधायक एक-दूसरे पर टूट पड़े और कथित तौर पर एक-दूसरे को गालियां देने लगे। पालकमंत्री और अधिकारियों के समय पर हस्तक्षेप से मारपीट टल गई।
क्या हुआ?
गुरुवार, 5 जून को पालकमंत्री आकाश फुंडकर की अध्यक्षता में अकोला के नियोजन भवन में जिला नियोजन समिति की बैठक चल रही थी। दलित बस्तियों में निधि के वितरण को लेकर रणधीर सावरकर और नितिन देशमुख के बीच बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। मौजूद अधिकारियों और पालकमंत्री ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला, अन्यथा यह बहस मारपीट में बदल सकती थी।
विधायक ने क्या कहा?
भाजपा विधायक रणधीर सावरकर ने कहा, "बैठक के दौरान कुछ लोग गोली चला रहे थे, जिसे पालकमंत्री ने रोकने को कहा। इस पर नितिन देशमुख ने आपत्ति जताई, जिसके बाद हमारे बीच बहस बढ़ गई। लेकिन कोई गाली-गलौज नहीं हुई, केवल ऊंची आवाज में बात हुई।" दूसरी ओर, ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख ने कहा, "हमारे बीच दार्शनिक चर्चा हुई। कोई गाली-गलौज नहीं हुई। विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।" नागरिकों में नाराजगी: हालांकि यह अपेक्षा की जाती है कि विकास के मुद्दों पर संयम से चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन अकोला में हुई इस घटना ने जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। इसे लेकर नागरिकों में कड़ी नाराजगी है।
अकोला: अकोला से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जिला नियोजन समिति की बैठक में दलित बस्तियों के मुद्दे पर भाजपा विधायक रणधीर सावरकर और ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों विधायक एक-दूसरे पर टूट पड़े और कथित तौर पर एक-दूसरे को गालियां देने लगे। पालकमंत्री और अधिकारियों के समय पर हस्तक्षेप से मारपीट टल गई।
क्या हुआ?
गुरुवार, 5 जून को पालकमंत्री आकाश फुंडकर की अध्यक्षता में अकोला के नियोजन भवन में जिला नियोजन समिति की बैठक चल रही थी। दलित बस्तियों में निधि के वितरण को लेकर रणधीर सावरकर और नितिन देशमुख के बीच बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। मौजूद अधिकारियों और पालकमंत्री ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला, अन्यथा यह बहस मारपीट में बदल सकती थी।
विधायक ने क्या कहा?
भाजपा विधायक रणधीर सावरकर ने कहा, "बैठक के दौरान कुछ लोग गोली चला रहे थे, जिसे पालकमंत्री ने रोकने को कहा। इस पर नितिन देशमुख ने आपत्ति जताई, जिसके बाद हमारे बीच बहस बढ़ गई। लेकिन कोई गाली-गलौज नहीं हुई, केवल ऊंची आवाज में बात हुई।" दूसरी ओर, ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख ने कहा, "हमारे बीच दार्शनिक चर्चा हुई। कोई गाली-गलौज नहीं हुई। विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।" नागरिकों में नाराजगी: हालांकि यह अपेक्षा की जाती है कि विकास के मुद्दों पर संयम से चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन अकोला में हुई इस घटना ने जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। इसे लेकर नागरिकों में कड़ी नाराजगी है।
क्या हुआ?
गुरुवार, 5 जून को पालकमंत्री आकाश फुंडकर की अध्यक्षता में अकोला के नियोजन भवन में जिला नियोजन समिति की बैठक चल रही थी। दलित बस्तियों में निधि के वितरण को लेकर रणधीर सावरकर और नितिन देशमुख के बीच बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। मौजूद अधिकारियों और पालकमंत्री ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला, अन्यथा यह बहस मारपीट में बदल सकती थी।
विधायक ने क्या कहा?
भाजपा विधायक रणधीर सावरकर ने कहा, "बैठक के दौरान कुछ लोग गोली चला रहे थे, जिसे पालकमंत्री ने रोकने को कहा। इस पर नितिन देशमुख ने आपत्ति जताई, जिसके बाद हमारे बीच बहस बढ़ गई। लेकिन कोई गाली-गलौज नहीं हुई, केवल ऊंची आवाज में बात हुई।" दूसरी ओर, ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख ने कहा, "हमारे बीच दार्शनिक चर्चा हुई। कोई गाली-गलौज नहीं हुई। विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।" नागरिकों में नाराजगी: हालांकि यह अपेक्षा की जाती है कि विकास के मुद्दों पर संयम से चर्चा की जानी चाहिए, लेकिन अकोला में हुई इस घटना ने जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। इसे लेकर नागरिकों में कड़ी नाराजगी है।