
'मैं भी उसी कमरे में था': विदेश मंत्री ने भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम पर ट्रंप के दावे की आलोचना की
मुंबई: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 'आर्थिक युद्ध' बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था। उन्होंने अपना रुख दोहराया कि परमाणु खतरे पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद का जवाब देने में भारत को नहीं रोक सकते। जयशंकर ने इस्लामाबाद के साथ युद्ध विराम समझौते से पहले नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच हुई चर्चाओं के बारे में भी बात की।
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
न्यूयॉर्क में 'न्यूजवीक' से बात करते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि पहलगाम में आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान क्या हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान युद्ध विराम स्वीकार करने के लिए व्यापार का उपयोग करने का सुझाव दिया था। जयशंकर ने उस दावे को खारिज कर दिया।
जयशंकर ने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे, तब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने मोदी से फोन पर संपर्क किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका भारत के लिए व्यापार और युद्ध विराम से कोई लेना-देना नहीं है।
'मैं आपको बता सकता हूं कि 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बहुत बड़ा हमला करने जा रहा है... हमने कुछ चीजों को स्वीकार नहीं किया और प्रधानमंत्री ने उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया, जिनकी पाकिस्तान धमकी दे रहा था,' जयशंकर ने कहा।
'इसके विपरीत, उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) अमेरिकी उपराष्ट्रपति से कहा कि हमें हमारी ओर से जवाब मिलेगा,' जयशंकर ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया।
जयशंकर ने कहा कि 9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत पर 'बड़े पैमाने पर' हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।
10 मई को क्या हुआ?
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ दूसरा संपर्क 10 मई की सुबह हुआ। उस समय जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच बातचीत हुई थी। इसमें हमने उनसे कहा था कि 'हम पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।'
न्यूजवीक के सीईओ देवप्रगद के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा, 'मैं आपको केवल अपने निजी अनुभव से बता सकता हूं कि क्या हुआ।'
'भारत ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान की ओर से कई आतंकवादी हमले झेले हैं और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में यह भावना थी कि 'बस, बहुत हो गया।'
'यह आर्थिक युद्ध का हिस्सा था। इसका उद्देश्य कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था, जो अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। साथ ही, इसका उद्देश्य धार्मिक हिंसा को भड़काना था, क्योंकि लोगों को मारने से पहले उनकी धार्मिक पहचान पूछी जाती थी।'
मुंबई: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को 'आर्थिक युद्ध' बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हमले का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था। उन्होंने अपना रुख दोहराया कि परमाणु खतरे पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद का जवाब देने में भारत को नहीं रोक सकते। जयशंकर ने इस्लामाबाद के साथ युद्ध विराम समझौते से पहले नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच हुई चर्चाओं के बारे में भी बात की।
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
न्यूयॉर्क में 'न्यूजवीक' से बात करते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि पहलगाम में आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान क्या हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान युद्ध विराम स्वीकार करने के लिए व्यापार का उपयोग करने का सुझाव दिया था। जयशंकर ने उस दावे को खारिज कर दिया।
जयशंकर ने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे, तब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने मोदी से फोन पर संपर्क किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका भारत के लिए व्यापार और युद्ध विराम से कोई लेना-देना नहीं है।
'मैं आपको बता सकता हूं कि 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बहुत बड़ा हमला करने जा रहा है... हमने कुछ चीजों को स्वीकार नहीं किया और प्रधानमंत्री ने उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया, जिनकी पाकिस्तान धमकी दे रहा था,' जयशंकर ने कहा।
'इसके विपरीत, उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) अमेरिकी उपराष्ट्रपति से कहा कि हमें हमारी ओर से जवाब मिलेगा,' जयशंकर ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया।
जयशंकर ने कहा कि 9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत पर 'बड़े पैमाने पर' हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।
10 मई को क्या हुआ?
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ दूसरा संपर्क 10 मई की सुबह हुआ। उस समय जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच बातचीत हुई थी। इसमें हमने उनसे कहा था कि 'हम पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।'
न्यूजवीक के सीईओ देवप्रगद के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा, 'मैं आपको केवल अपने निजी अनुभव से बता सकता हूं कि क्या हुआ।'
'भारत ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान की ओर से कई आतंकवादी हमले झेले हैं और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में यह भावना थी कि 'बस, बहुत हो गया।'
'यह आर्थिक युद्ध का हिस्सा था। इसका उद्देश्य कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था, जो अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। साथ ही, इसका उद्देश्य धार्मिक हिंसा को भड़काना था, क्योंकि लोगों को मारने से पहले उनकी धार्मिक पहचान पूछी जाती थी।'
विदेश मंत्री ने क्या कहा?
न्यूयॉर्क में 'न्यूजवीक' से बात करते हुए विदेश मंत्री ने बताया कि पहलगाम में आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान क्या हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान को 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान युद्ध विराम स्वीकार करने के लिए व्यापार का उपयोग करने का सुझाव दिया था। जयशंकर ने उस दावे को खारिज कर दिया।
जयशंकर ने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थे, तब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने मोदी से फोन पर संपर्क किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका भारत के लिए व्यापार और युद्ध विराम से कोई लेना-देना नहीं है।
'मैं आपको बता सकता हूं कि 9 मई की रात को उपराष्ट्रपति वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि पाकिस्तान भारत पर बहुत बड़ा हमला करने जा रहा है... हमने कुछ चीजों को स्वीकार नहीं किया और प्रधानमंत्री ने उन चीजों पर ध्यान नहीं दिया, जिनकी पाकिस्तान धमकी दे रहा था,' जयशंकर ने कहा।
'इसके विपरीत, उन्होंने (प्रधानमंत्री मोदी ने) अमेरिकी उपराष्ट्रपति से कहा कि हमें हमारी ओर से जवाब मिलेगा,' जयशंकर ने इस अवसर पर यह भी स्पष्ट किया।
जयशंकर ने कहा कि 9 मई की रात को पाकिस्तान ने भारत पर 'बड़े पैमाने पर' हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने तुरंत उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया।
10 मई को क्या हुआ?
जयशंकर ने कहा कि अमेरिका के साथ दूसरा संपर्क 10 मई की सुबह हुआ। उस समय जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच बातचीत हुई थी। इसमें हमने उनसे कहा था कि 'हम पाकिस्तान से बातचीत करने के लिए तैयार हैं।'
न्यूजवीक के सीईओ देवप्रगद के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा, 'मैं आपको केवल अपने निजी अनुभव से बता सकता हूं कि क्या हुआ।'
'भारत ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान की ओर से कई आतंकवादी हमले झेले हैं और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में यह भावना थी कि 'बस, बहुत हो गया।'
'यह आर्थिक युद्ध का हिस्सा था। इसका उद्देश्य कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था, जो अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। साथ ही, इसका उद्देश्य धार्मिक हिंसा को भड़काना था, क्योंकि लोगों को मारने से पहले उनकी धार्मिक पहचान पूछी जाती थी।'