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हिमाचल प्रदेश: मंडी में मॉनसून का तांडव, चार की मौत, बादल फटने से मची तबाही

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में मॉनसून ने भारी कहर बरपाया है। बीते 30 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने जिले में तबाही मचा दी, जिसने 2023 की भयावह त्रासदी की यादें ताजा कर दीं। करसोग, थुनाग, और सुंदरनगर के आसपास के इलाकों में भारी नुकसान की खबरें हैं। अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें से नौ के तेज बहाव में बह जाने की आशंका है। ब्यास नदी उफान पर है, जिसके कारण आसपास के घरों को भारी क्षति पहुंची है।
प्रशासन ने 200 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। जोगिंद्रनगर और धर्मपुर में भी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड ने जानमाल का नुकसान किया है। जोगिंद्रनगर में एक व्यक्ति की मौत की खबर है, जबकि धर्मपुर में सात मकान और कई गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की बात कही है। उन्होंने लोगों से प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। ब्यास नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण भी खतरा बढ़ गया है।
जिले में सड़कें, पुल, और कई इमारतें बह गई हैं। करसोग के पुराना बाजार, पंजरत, कुटी, बराल, ममेल, और भ्याल गांवों में भारी तबाही की खबर है। स्याथी गांव में एक दर्जन घर, गौशालाएं, और पशु बह गए हैं। चंडीगढ़-मनाली हाईवे कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है।
बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस, और होम गार्ड की टीमें लगी हुई हैं। ड्रोन की मदद से लापता लोगों की तलाश की जा रही है। मौसम विभाग ने चंबा, हमीरपुर, मंडी, शिमला, सिरमौर, और सोलन जिलों में फ्लैश फ्लड का खतरा जताया है।
यह आपदा हिमाचल प्रदेश के लिए एक और बड़ा झटका है, क्योंकि राज्य पहले भी मॉनसून से संबंधित आपदाओं का सामना कर चुका है। प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बारिश का रुक-रुककर जारी रहना चुनौतियों को और बढ़ा रहा है।

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