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"प्रकाश आंबेडकर ने संविधान संशोधन की मांग को लेकर सरकार पर हमला बोला"

पुणे, 26 अगस्त, 2025: वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालात और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा, "देश में वास्तविक राजनीतिक नेतृत्व का अभाव है।" पुणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार की नीतियों और खासकर संविधान में प्रस्तावित बदलावों पर कड़ी आपत्ति जताई।
आंबेडकर ने कहा, "संविधान में पहले ही उल्लेख है कि अगर कोई मंत्री किसी कारण से पद से हटना चाहता है, तो उसे हटाया जा सकता है। फिर हमें फिर से 30 दिनों की अवधि के लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता क्यों है? सरकार इससे आखिर क्या हासिल करना चाहती है?" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की मंशा पर संदेह जताया और संदेह जताया कि इसके पीछे कोई राजनीतिक चाल है।
सरकार के प्रशासन की आलोचना
प्रकाश आंबेडकर ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना उनके नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोला। उन्होंने कहा, "आज देश में नेतृत्व का घोर अभाव है। कोई भी नेता ऐसा नहीं है जो जनता के कल्याण के लिए लड़े, उनकी समस्याओं को प्राथमिकता दे। इसके बजाय, राजनीतिक स्वार्थ और सत्तालोलुपता को प्राथमिकता दी जा रही है।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आम आदमी, खासकर वंचित समुदाय, उपेक्षित हो रहा है।
संविधान संशोधन प्रस्ताव पर प्रश्नचिह्न
प्रस्तावित संविधान संशोधन के मुद्दे पर बोलते हुए, अंबेडकर ने सरकार के फैसले को "अनावश्यक" और "संदिग्ध" बताया। उन्होंने कहा, "संविधान देश की आत्मा है। इसमें बदलाव करते समय पारदर्शिता और जनभागीदारी ज़रूरी है। लेकिन ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार सिर्फ़ अपने लिए सुविधाजनक बदलाव करना चाहती है।" उन्होंने आशंका जताई कि यह संविधान संशोधन लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए ख़तरा बन सकता है।
पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार को चेतावनी
पुणे में आयोजित इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में, अंबेडकर ने न केवल केंद्र सरकार, बल्कि राज्य सरकार की नीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में भी सत्ताधारी दल जनता के बुनियादी मुद्दों की अनदेखी कर रहा है। किसानों, मज़दूरों और वंचित समुदाय की समस्याएँ जस की तस हैं।" उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे हालात में एकजुट होकर आवाज़ उठाना ज़रूरी है।
वंचित बहुजन अघाड़ी का भविष्य
प्रकाश आंबेडकर ने वंचित बहुजन अघाड़ी की भविष्य की योजनाओं के बारे में कुछ सुझाव भी दिए। उन्होंने दृढ़ता से कहा, "हम जनता के अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे। सरकार चाहे जितना भी दमन करे, हम पीछे नहीं हटेंगे।" उन्होंने ख़ास तौर पर युवाओं और वंचित समुदाय से राजनीतिक रूप से सक्रिय होने की अपील की।
जनता की प्रतिक्रिया
आंबेडकर के इस बयान पर आम जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोगों ने उनकी आलोचना का समर्थन किया है और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, तो कुछ ने उन्हें सीधे प्रधानमंत्री की आलोचना करने की चुनौती दी है। सोशल मीडिया पर भी इस पर ज़ोरदार चर्चा हो रही है।

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