
इजरायल के हवाई हमले में 224 ईरानी नागरिकों की मौत, तेहरान ने दी कड़ी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
तेहरान: ईरान ने 13 जून को इजरायली सेना द्वारा तेहरान पर किए गए हवाई हमले के बाद आधिकारिक बयान जारी कर 224 नागरिकों की मौत और 1,257 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। ईरान ने इस हमले को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर इजरायल का खुला उल्लंघन करार दिया है।
इजरायल का क्रूर हमला, निर्दोष नागरिक बने निशाना
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सेना ने आवासीय इलाकों, अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी मारे गए। यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन है, जो किसी भी देश की संप्रभुता के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को प्रतिबंधित करता है। ईरान ने इसे इजरायल की विस्तारवादी और आक्रामक नीतियों का हिस्सा बताया।
ईरान का दावा-आत्मरक्षा का अधिकार
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कहा कि उसे आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। तेहरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के इन "युद्ध अपराधों" की निंदा करने और वैश्विक शांति को खतरे में डालने वाली इस कार्रवाई को रोकने की अपील की। ईरान ने यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ परमाणु वार्ताओं में भाग ले रहा था, फिर भी इजरायल ने यह हमला किया।
इजरायल को गंभीर परिणाम की चेतावनी
ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी कि इस हमले के गंभीर परिणाम होंगे और इसके लिए इजरायल और उसके समर्थक जिम्मेदार होंगे। ईरान ने इजरायल पर गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का पालन न करने का आरोप लगाया। तेहरान ने कहा कि एक गैर-एनपीटी देश द्वारा एनपीटी सदस्य देश (ईरान) पर हमला करना पाखंड है।
जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू
ईरान ने घोषणा की कि उसने आत्मरक्षा के तहत इजरायली सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। ईरान ने इजरायल को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का प्रमुख कारण बताया और कहा कि उसकी रक्षात्मक नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इजरायल पर युद्ध अपराध का आरोप
ईरान ने दावा किया कि इजरायल जानबूझकर नागरिक ढांचों को निशाना बना रहा है, जो युद्ध अपराध है। तेहरान ने कहा कि उसकी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह रक्षात्मक है, जबकि इजरायल की आक्रामक नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।
तेहरान: ईरान ने 13 जून को इजरायली सेना द्वारा तेहरान पर किए गए हवाई हमले के बाद आधिकारिक बयान जारी कर 224 नागरिकों की मौत और 1,257 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। ईरान ने इस हमले को अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर इजरायल का खुला उल्लंघन करार दिया है।
इजरायल का क्रूर हमला, निर्दोष नागरिक बने निशाना
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सेना ने आवासीय इलाकों, अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी मारे गए। यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन है, जो किसी भी देश की संप्रभुता के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को प्रतिबंधित करता है। ईरान ने इसे इजरायल की विस्तारवादी और आक्रामक नीतियों का हिस्सा बताया।
ईरान का दावा-आत्मरक्षा का अधिकार
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कहा कि उसे आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। तेहरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के इन "युद्ध अपराधों" की निंदा करने और वैश्विक शांति को खतरे में डालने वाली इस कार्रवाई को रोकने की अपील की। ईरान ने यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ परमाणु वार्ताओं में भाग ले रहा था, फिर भी इजरायल ने यह हमला किया।
इजरायल को गंभीर परिणाम की चेतावनी
ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी कि इस हमले के गंभीर परिणाम होंगे और इसके लिए इजरायल और उसके समर्थक जिम्मेदार होंगे। ईरान ने इजरायल पर गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का पालन न करने का आरोप लगाया। तेहरान ने कहा कि एक गैर-एनपीटी देश द्वारा एनपीटी सदस्य देश (ईरान) पर हमला करना पाखंड है।
जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू
ईरान ने घोषणा की कि उसने आत्मरक्षा के तहत इजरायली सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। ईरान ने इजरायल को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का प्रमुख कारण बताया और कहा कि उसकी रक्षात्मक नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इजरायल पर युद्ध अपराध का आरोप
ईरान ने दावा किया कि इजरायल जानबूझकर नागरिक ढांचों को निशाना बना रहा है, जो युद्ध अपराध है। तेहरान ने कहा कि उसकी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह रक्षात्मक है, जबकि इजरायल की आक्रामक नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।
इजरायल का क्रूर हमला, निर्दोष नागरिक बने निशाना
ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इजरायली सेना ने आवासीय इलाकों, अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों को निशाना बनाया, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी मारे गए। यह हमला संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2(4) का उल्लंघन है, जो किसी भी देश की संप्रभुता के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को प्रतिबंधित करता है। ईरान ने इसे इजरायल की विस्तारवादी और आक्रामक नीतियों का हिस्सा बताया।
ईरान का दावा-आत्मरक्षा का अधिकार
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का हवाला देते हुए कहा कि उसे आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। तेहरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के इन "युद्ध अपराधों" की निंदा करने और वैश्विक शांति को खतरे में डालने वाली इस कार्रवाई को रोकने की अपील की। ईरान ने यह भी कहा कि वह अमेरिका के साथ परमाणु वार्ताओं में भाग ले रहा था, फिर भी इजरायल ने यह हमला किया।
इजरायल को गंभीर परिणाम की चेतावनी
ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी कि इस हमले के गंभीर परिणाम होंगे और इसके लिए इजरायल और उसके समर्थक जिम्मेदार होंगे। ईरान ने इजरायल पर गुप्त रूप से परमाणु हथियार विकसित करने और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का पालन न करने का आरोप लगाया। तेहरान ने कहा कि एक गैर-एनपीटी देश द्वारा एनपीटी सदस्य देश (ईरान) पर हमला करना पाखंड है।
जवाबी सैन्य कार्रवाई शुरू
ईरान ने घोषणा की कि उसने आत्मरक्षा के तहत इजरायली सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं। ईरान ने इजरायल को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का प्रमुख कारण बताया और कहा कि उसकी रक्षात्मक नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
इजरायल पर युद्ध अपराध का आरोप
ईरान ने दावा किया कि इजरायल जानबूझकर नागरिक ढांचों को निशाना बना रहा है, जो युद्ध अपराध है। तेहरान ने कहा कि उसकी सैन्य कार्रवाई पूरी तरह रक्षात्मक है, जबकि इजरायल की आक्रामक नीतियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं।