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पनवेल भूमि घोटाला: पनवेल भूमि घोटाला: ईडी ने जे.एम. म्हात्रे इंफ्रास्ट्रक्चर पर छापा मारा

पनवेल भूमि घोटाला: पनवेल तालुका के वहल गांव में सरकारी वन भूमि हड़पने के मामले में ईडी मुंबई जोन-2 ने आज सुबह (17 जून) से जे.एम. म्हात्रे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री जे.एम. म्हात्रे के आवास और कार्यालयों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई उरण (अलीबाग डिवीजन) के वन रेंज अधिकारी (आरएफओ) द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है। इस मामले में पनवेल पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 05/09/2024 दर्ज की गई थी। इसके बाद ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में जांच शुरू की।
वन विभाग की शिकायत पर कार्रवाई
एफआईआर के अनुसार, फर्जी सातबारा प्रविष्टियां बनाकर म्हात्रे द्वारा वर्ष 2005 में अवैध रूप से वन भूमि का अधिग्रहण किया गया था। यह जमीन ग्रुप नंबर 427/1 (41.70 हेक्टेयर) और ग्रुप नंबर 436/1 (110.60 हेक्टेयर), मौजे वहल, तालुका पनवेल, जिला रायगढ़ है। इस जमीन में से, ग्रुप नंबर 436/1 में 1.86 हेक्टेयर जमीन म्हात्रे ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को बेची और इसके लिए उन्हें 42.40 करोड़ रुपये मिले।
इसके अलावा, श्री सैयद मोहम्मद अब्दुल हमीद कादरी ने ग्रुप नंबर 427/1 में 0.4225 हेक्टेयर जमीन एनएचएआई को हस्तांतरित की और बदले में 9.69 करोड़ रुपये प्राप्त किए, ऐसा एफआईआर में आरोप लगाया गया है। ईडी ने इस घोटाले से संबंधित "अपराध की आय" का पता लगाने के लिए पनवेल में दो स्थानों और दादर, मुंबई में एक स्थान पर छापेमारी की है।
आपराधिक धाराएं और कानूनी कार्रवाई
इस मामले में संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, वन अधिनियम और निवारक उपाय अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और ईडी ने इस वित्तीय घोटाले में घटनाओं की कड़ी को उजागर करने की कोशिश शुरू कर दी है। फिलहाल ईडी मूल भूमि दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन के दस्तावेज, बैंक खाते की जानकारी के साथ ही तत्काल लेनदेन के पीछे के कंप्यूटर डेटा को जब्त कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई से राजनीतिक और प्रशासनिक जमाखोरों के साथ संबंधों का खुलासा होने की संभावना है।

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