
54 भारतीय शिक्षण संस्थानों ने QS रैंकिंग में जगह बनाई, PM मोदी ने कहा - भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर
मुंबई, 19 जून, 2025: 54 भारतीय शिक्षण संस्थानों ने वैश्विक QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में जगह बनाई है। इसे भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए इसे "भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर" बताया है।
भारत के IIT, IIM और कई अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने QS रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस साल भारतीय संस्थानों ने शोध, शिक्षा की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। खास तौर पर, IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली ने शीर्ष 150 में जगह बनाई है, जबकि कई अन्य संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत के शिक्षा क्षेत्र में यह उपलब्धि हमारी युवा शक्ति की क्षमता का प्रमाण है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत हमारी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का परिणाम है। इससे भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।" शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इस उपलब्धि का स्वागत किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा ने कहा, "भारतीय संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इससे भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक अवसर खुलेंगे।" क्यूएस रैंकिंग की सफलता ने भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई गति दी है और भविष्य में और प्रगति की उम्मीद है।
मुंबई, 19 जून, 2025: 54 भारतीय शिक्षण संस्थानों ने वैश्विक QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में जगह बनाई है। इसे भारत के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए इसे "भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए बहुत अच्छी खबर" बताया है।
भारत के IIT, IIM और कई अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने QS रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस साल भारतीय संस्थानों ने शोध, शिक्षा की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। खास तौर पर, IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली ने शीर्ष 150 में जगह बनाई है, जबकि कई अन्य संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत के शिक्षा क्षेत्र में यह उपलब्धि हमारी युवा शक्ति की क्षमता का प्रमाण है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत हमारी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का परिणाम है। इससे भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।" शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इस उपलब्धि का स्वागत किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा ने कहा, "भारतीय संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इससे भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक अवसर खुलेंगे।" क्यूएस रैंकिंग की सफलता ने भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई गति दी है और भविष्य में और प्रगति की उम्मीद है।
भारत के IIT, IIM और कई अन्य प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों ने QS रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस साल भारतीय संस्थानों ने शोध, शिक्षा की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति दिखाई है। खास तौर पर, IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली ने शीर्ष 150 में जगह बनाई है, जबकि कई अन्य संस्थानों ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "भारत के शिक्षा क्षेत्र में यह उपलब्धि हमारी युवा शक्ति की क्षमता का प्रमाण है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत हमारी सरकार द्वारा किए गए सुधारों का परिणाम है। इससे भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में उभरने में मदद मिलेगी।" शिक्षा विशेषज्ञों ने भी इस उपलब्धि का स्वागत किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राजेश शर्मा ने कहा, "भारतीय संस्थानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इससे भारतीय छात्रों के लिए वैश्विक अवसर खुलेंगे।" क्यूएस रैंकिंग की सफलता ने भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र को नई गति दी है और भविष्य में और प्रगति की उम्मीद है।