
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर! आखिर भाजपा-कांग्रेस गठबंधन, क्या है वजह?
सोलापुर: सोलापुर कृषि उपज बाजार समिति चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर हुआ है। मंडी समिति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के पैनल ने गठबंधन कर लिया है। इसलिए, इस चुनाव और गठबंधन पर इस समय राज्य की राजनीति में गरमागरम बहस चल रही है। वास्तव में क्या हुआ? विस्तार से पढ़ें..
इस संबंध में विस्तृत जानकारी यह है कि सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है और बाजार समिति चुनाव के लिए भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व में भाजपा-कांग्रेस नेताओं का एक संयुक्त पैनल बनाया गया है। पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप माने, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश हसापुरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब शेलके ने सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व वाली समिति का समर्थन किया है।
विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने भाजपा विधायक सुभाष देशमुख और विधायक विजयकुमार देशमुख से भी साथ आने की अपील की है। हालांकि, पूर्व सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना है। इससे पहले, पिछले चुनावों के दौरान, कांग्रेस नेता दिलीप माने ने तत्कालीन पालकमंत्री और भाजपा विधायक विजय कुमार देशमुख के नेतृत्व वाले पैनल का समर्थन किया था। विधायक सुभाष देशमुख विपक्षी पैनल से चुनाव मैदान में उतरे थे।
महिला को 91 साल के पति पर शक, नाराज बुजुर्ग ने उठाया चौंकाने वाला कदम; मामला अदालत तक पहुंच गया।
इस बीच भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने इस गठबंधन पर अहम प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ रहे हैं, इसमें दलगत राजनीति का कोई मुद्दा नहीं है।’’ दोनों देशमुख हमारे नेता हैं, हमने उनसे भी साथ आने की अपील की है। उन्होंने कहा, "इतने सारे लोगों के आवेदन करने के कारण, निर्विरोध चुनाव कराना कठिन है, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।"
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सचिन दादा को निर्देश दिया था, और उन्होंने हमसे अपील की थी, और हम उससे सहमत हैं। इसलिए हमने एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया है, हमारा लक्ष्य बाजार समिति का हित है। कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप माने ने जवाब दिया है कि जब सहयोग की बात आती है तो मैं स्वतंत्र निर्णय लेता हूं, मैं स्वतंत्र हूं।
सोलापुर: सोलापुर कृषि उपज बाजार समिति चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर हुआ है। मंडी समिति चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के पैनल ने गठबंधन कर लिया है। इसलिए, इस चुनाव और गठबंधन पर इस समय राज्य की राजनीति में गरमागरम बहस चल रही है। वास्तव में क्या हुआ? विस्तार से पढ़ें..
इस संबंध में विस्तृत जानकारी यह है कि सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है और बाजार समिति चुनाव के लिए भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व में भाजपा-कांग्रेस नेताओं का एक संयुक्त पैनल बनाया गया है। पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप माने, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश हसापुरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब शेलके ने सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व वाली समिति का समर्थन किया है।
विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने भाजपा विधायक सुभाष देशमुख और विधायक विजयकुमार देशमुख से भी साथ आने की अपील की है। हालांकि, पूर्व सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना है। इससे पहले, पिछले चुनावों के दौरान, कांग्रेस नेता दिलीप माने ने तत्कालीन पालकमंत्री और भाजपा विधायक विजय कुमार देशमुख के नेतृत्व वाले पैनल का समर्थन किया था। विधायक सुभाष देशमुख विपक्षी पैनल से चुनाव मैदान में उतरे थे।
महिला को 91 साल के पति पर शक, नाराज बुजुर्ग ने उठाया चौंकाने वाला कदम; मामला अदालत तक पहुंच गया।
इस बीच भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने इस गठबंधन पर अहम प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ रहे हैं, इसमें दलगत राजनीति का कोई मुद्दा नहीं है।’’ दोनों देशमुख हमारे नेता हैं, हमने उनसे भी साथ आने की अपील की है। उन्होंने कहा, "इतने सारे लोगों के आवेदन करने के कारण, निर्विरोध चुनाव कराना कठिन है, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।"
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सचिन दादा को निर्देश दिया था, और उन्होंने हमसे अपील की थी, और हम उससे सहमत हैं। इसलिए हमने एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया है, हमारा लक्ष्य बाजार समिति का हित है। कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप माने ने जवाब दिया है कि जब सहयोग की बात आती है तो मैं स्वतंत्र निर्णय लेता हूं, मैं स्वतंत्र हूं।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी यह है कि सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है और बाजार समिति चुनाव के लिए भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व में भाजपा-कांग्रेस नेताओं का एक संयुक्त पैनल बनाया गया है। पूर्व कांग्रेस विधायक दिलीप माने, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश हसापुरे और कांग्रेस नेता बालासाहेब शेलके ने सचिन कल्याणशेट्टी के नेतृत्व वाली समिति का समर्थन किया है।
विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने भाजपा विधायक सुभाष देशमुख और विधायक विजयकुमार देशमुख से भी साथ आने की अपील की है। हालांकि, पूर्व सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख के एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावना है। इससे पहले, पिछले चुनावों के दौरान, कांग्रेस नेता दिलीप माने ने तत्कालीन पालकमंत्री और भाजपा विधायक विजय कुमार देशमुख के नेतृत्व वाले पैनल का समर्थन किया था। विधायक सुभाष देशमुख विपक्षी पैनल से चुनाव मैदान में उतरे थे।
महिला को 91 साल के पति पर शक, नाराज बुजुर्ग ने उठाया चौंकाने वाला कदम; मामला अदालत तक पहुंच गया।
इस बीच भाजपा विधायक सचिन कल्याणशेट्टी ने इस गठबंधन पर अहम प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम यह चुनाव मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लड़ रहे हैं, इसमें दलगत राजनीति का कोई मुद्दा नहीं है।’’ दोनों देशमुख हमारे नेता हैं, हमने उनसे भी साथ आने की अपील की है। उन्होंने कहा, "इतने सारे लोगों के आवेदन करने के कारण, निर्विरोध चुनाव कराना कठिन है, लेकिन हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।"
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सचिन दादा को निर्देश दिया था, और उन्होंने हमसे अपील की थी, और हम उससे सहमत हैं। इसलिए हमने एकजुट होकर संघर्ष करने का निर्णय लिया है, हमारा लक्ष्य बाजार समिति का हित है। कांग्रेस के पूर्व विधायक दिलीप माने ने जवाब दिया है कि जब सहयोग की बात आती है तो मैं स्वतंत्र निर्णय लेता हूं, मैं स्वतंत्र हूं।