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अग्निशमन कर्मियों के उन्नत प्रशिक्षण के लिए देश का पहला प्रशिक्षण केंद्र कांदिवली में है।

मुंबई: मुंबई महानगरपालिका का 'मुंबई अग्निशमन विभाग' सभी मुंबईकरों की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहता है। मुंबई अग्निशमन विभाग आग लगने की घटना स्थल पर तुरंत पहुंचने, आग बुझाने तथा अन्य स्थितियों में बचाव कार्य करने के लिए समर्पण के साथ काम करता है। मुंबईकरों की सुरक्षा के साथ-साथ अग्निशमनकर्मियों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इसके लिए आग बुझाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करना तथा सैनिकों को आत्मरक्षा के लिए अद्यतन प्रशिक्षण प्रदान करना आवश्यक है। इसे ध्यान में रखते हुए कांदिवली में एक आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जाएगा, यह जानकारी अतिरिक्त मनपा आयुक्त डॉ. अमित सैनी ने दी।
'राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस' के अवसर पर मुंबई नगर निगम के मुंबई अग्निशमन विभाग में सेवा करते हुए शहीद हुए बहादुर अग्निशमन अधिकारियों और कर्मियों को श्रद्धांजलि दी जाती है। यह कार्यक्रम बायकुला स्थित मुंबई फायर ब्रिगेड मुख्यालय में आयोजित किया गया। उस समय डॉ. सैनी बोल रहे थे। इस अवसर पर महाराष्ट्र अग्निशमन सेवा निदेशक संतोष वारिक, नगर निगम के उपायुक्त प्रशांत गायकवाड़, मुंबई अग्निशमन विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुलगेकर, सेवानिवृत्त अग्निशमन विभाग के अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
महाराष्ट्र अग्निशमन सेवा के निदेशक संतोष वारिक ने कहा कि मुंबई अग्निशमन विभाग के कर्मचारी मुंबई में बन रही ऊंची इमारतों, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में संकरी सड़कों, बढ़ती आबादी और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा काम कर रहे हैं। वारिक ने कहा कि अग्निशमन कर्मियों को अग्निशमन की घटनाओं, भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति, भवन ढहने और इसी तरह की आपदाओं के लिए विविध प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
उपायुक्त प्रशांत गायकवाड़ ने कहा कि आग लगने की घटना पर तुरंत पहुंचने और आग बुझाने के लिए मुंबई अग्निशमन विभाग में आधुनिक प्रणालियों को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। इस अत्याधुनिक प्रणाली से अग्निशमन विभाग को और अधिक सशक्त बनाने के प्रयास चल रहे हैं। आधुनिक प्रशिक्षण की दृष्टि से कांदिवली में स्थापित होने वाला अग्निशमन प्रशिक्षण केंद्र देश का पहला आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र होगा। गायकवाड़ ने यह भी आश्वासन दिया कि इन केंद्रों में सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अम्बुलगेकर ने परिचय दिया। 14 अप्रैल 1944 को 'एस. एस. फोर्ट स्टिकिन नाव पर गोला-बारूद डिपो में आग लग गई। भीषण आग पर काबू पाने के दौरान मुंबई अग्निशमन विभाग के 66 अधिकारियों और कर्मियों की जान चली गई। उन्होंने बताया कि इस घटना की याद में हर साल 14 अप्रैल को देशभर में 'राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस' मनाया जाता है। साथ ही उन्होंने मुंबई अग्निशमन विभाग की गतिविधियों, अग्निशमन कार्यक्रमों, अग्निशमन सेवा सप्ताह के आयोजन आदि के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी।

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