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हम जिले के 10 लाख घरों तक भारतीय संविधान की प्रस्तावना पहुंचाएंगे। - चंद्रशेखर बावनकुले

- "घर घर संविधान" पहल का शुभारंभ
नागपुर, दिनांक । 14: 140 करोड़ से अधिक की आबादी के बावजूद, हमारे भारतीय संविधान ने प्रत्येक व्यक्ति को सामाजिक न्याय के दायरे में लाने का कार्य किया है। सरकार नागपुर जिले के 10 लाख घरों तक हमारे संविधान की प्रस्तावना पहुंचाएगी, जो प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करती है। राज्य के राजस्व मंत्री तथा पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विश्वास व्यक्त किया कि इससे लोकतंत्र के मूल सिद्धांत तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिकता की नींव मजबूत होगी।
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर सामाजिक समानता सप्ताह के तहत सरकार की महत्वाकांक्षी पहल घर-घर संविधान का शुभारंभ पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने किया।
दीक्षाभूमि में डाॅ. वह बाबासाहेब अंबेडकर ऑडिटोरियम में आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर वित्त व नियोजन राज्यमंत्री आशीष जयसवाल, सांसद शामकुमार बर्वे, महाराष्ट्र राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष शेरसिंह डागोर, पुलिस आयुक्त डॉ. रवींद्रकुमार सिंघल, मनपा आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी, जिला कलेक्टर डॉ. विपिन इटनकर, मनपा की अतिरिक्त आयुक्त वसुमना पंत, पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार, मनपा के अतिरिक्त आयुक्त अजय चरथंकर, बी वैष्णवी, जिला परिषद के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल किशोर फुटाने, निवासी उप जिला कलेक्टर अनूप खांडे, समाज कल्याण विभाग के क्षेत्रीय उपायुक्त बाबासाहेब देशमुख, सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वैश्विक स्तर पर भारत की सफलता उसके संवैधानिक मूल्यों के आधार पर हासिल हुई है। भारतीय संविधान का अध्ययन कई देशों द्वारा किया जा रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित भारत के लिए संकल्प की घोषणा की है तथा सभी से भारतीय संविधान के प्रति प्रतिबद्ध होने की अपील की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संविधान में निहित मूल्यों के आधार पर अपने राज्य को अन्य राज्यों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ बनाने का निर्णय लिया है। इस कर्तव्यपरायण भूमिका के माध्यम से भारत रत्न महामना डॉ. पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने संतोष व्यक्त किया कि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा हमें दी गई भारतीय संविधान की प्रस्तावना को घर-घर तक पहुंचाने का उपक्रम नागपुर जिले से तथा इस दीक्षाभूमि से शुरू किया जा रहा है।
पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने अधिक से अधिक नागरिकों से आगे आकर सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही इस पहल में स्वेच्छा से भाग लेने की अपील की।
- राज्य मंत्री एड. आशीष जायसवाल
सांसद श्यामकुमार बर्वे ने अपने संबोधन में महापुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा जयंती पर नागपुर के सभी सरकारी कार्यालयों में विशेष रोशनी करने के लिए पालकमंत्री को धन्यवाद दिया।
इस कार्यक्रम में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और गणमान्यों द्वारा लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जा रहे हैं। इसमें रमाई आवास घरकुल, स्वाधार योजना, तृतीय जातियों को पहचान पत्र वितरण और महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र सत्यापन प्रमाण पत्र वितरण शामिल थे।
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन से जुड़े स्थलों को संरक्षित किया जाएगा
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का जीवन सदैव समाज और युवाओं के लिए मार्गदर्शक रहा है। युवाओं को संविधान की प्रस्तावना का पाठ करना चाहिए तथा उसके सार को अपने जीवन और आचरण में उतारना चाहिए। महाराष्ट्र के कुछ महत्वपूर्ण स्थान जो भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन से जुड़े हैं, नई पीढ़ी के लिए शक्ति के स्थान की तरह हैं। पालकमत्री बावनकुले ने कहा कि इन स्थलों को सरकार द्वारा संरक्षित किया जाएगा।
इस भूमिका से शांतिवन चिचोली में भारतीय बौद्ध परिषद को 2 करोड़ 47 लाख 67 हजार, कामठी में ओगावा सोसायटी को 5 करोड़ 94 लाख 88 हजार, गुरुचरण दास स्वामी मठ पंचकमिति नागपुर को 52 लाख 31 हजार और प्रज्ञा मैत्री प्रतिष्ठान नागपुर को 5 करोड़ 10 लाख रुपये दिये गये.
स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत मेघा एंटरप्राइजेज को 7 करोड़ 2 लाख रुपए का ऋण दिया गया
पालकमंत्री बावनकुले के हाथों श्रीमती माया मेश्राम को 5 लाख 3 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया।
प्रारंभ में महात्मा फुले, राजर्षि शाहू महाराज, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर एवं अन्नाभाऊ साठे के चित्र पर दीप जलाकर एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने गणमान्य व्यक्तियों को संविधान की प्रस्तावना की एक प्रति भेंट की।
कार्यक्रम का परिचय समाज कल्याण सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे ने दिया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय उपायुक्त बाबासाहेब देशमुख ने दिया। इस अवसर पर महाराष्ट्र प्रदेश डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर समाज भूषण संघ रजिस्टर महाराष्ट्र के महासचिव भूषण दड़वे, पुरस्कार विजेता राम कवाडकर, शंकर वानखेड़े, जयसिंह कचुवा, भैयासाहेब दिघाने, नयना झाडे, माया घोरपड़े, ममता गेडाम, डॉ. प्रेमा लेकुरवाड़े, बेबी गौरीकर आदि उपस्थित थे।

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