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बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए सरकार का बड़ा फैसला, ज़िला निधि का होगा इस्तेमाल

मुंबई, 30 सितंबर, 2025: महाराष्ट्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। ज़िला योजना समिति की 10 प्रतिशत राशि बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और सहायता के लिए खर्च करने को मंज़ूरी दे दी गई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य के खजाने पर मौजूदा वित्तीय दबाव को देखते हुए यह विकल्प अपनाया गया है।
बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुँचाने के प्रयास
इस मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण महाराष्ट्र के कई ज़िलों को भारी नुकसान हुआ है। कृषि, घर, सड़कें और बुनियादी ढाँचे को भारी नुकसान पहुँचा है और हज़ारों परिवार बेघर हो गए हैं। इसी पृष्ठभूमि में, सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने और उनके पुनर्वास के लिए यह फैसला लिया है।
ज़िला योजना समिति की वार्षिक निधि का 10 प्रतिशत बाढ़ पीड़ितों की राहत के लिए इस्तेमाल करने का फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इस निधि का इस्तेमाल बाढ़ पीड़ितों के भोजन, आश्रय, चिकित्सा सुविधाओं और पुनर्वास के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, इस धनराशि का उपयोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे की मरम्मत के लिए भी किया जाएगा।
राजकोष पर दबाव और वित्तीय चुनौतियाँ
राज्य सरकार इस समय वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही है। कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक संकट और अन्य विकास कार्यों पर होने वाले खर्च के कारण राजकोष पर भारी दबाव है। ऐसे में बाढ़ पीड़ितों के लिए अलग से धनराशि उपलब्ध कराना मुश्किल हो गया है। इसलिए, इस संकट के दौरान जिला योजना समिति की धनराशि का कुछ हिस्सा इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "बाढ़ पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने और उनके जीवन को पटरी पर लाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोई भी बाढ़ पीड़ित मदद से वंचित न रहे।"
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति
इस वर्ष, राज्य के कई जिले, जिनमें कोल्हापुर, सांगली, सतारा, पुणे और नासिक शामिल हैं, भारी बारिश के कारण बाढ़ की चपेट में आ गए। सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए हैं, जिससे कृषि और पशुधन को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर सड़कें, पुल और बिजली व्यवस्थाएँ नष्ट हो गई हैं। बाढ़ पीड़ितों को अस्थायी आश्रय प्रदान करने के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और खाद्यान्न व दवाइयों का वितरण भी जारी है।
जिला योजना निधि का उपयोग
जिला योजना समिति की निधि का उपयोग आमतौर पर स्थानीय विकास कार्यों के लिए किया जाता है। इसमें सड़कें, स्कूल, अस्पताल और जलापूर्ति जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं। हालाँकि, इस निधि का 10 प्रतिशत बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए उपयोग करने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि इस निधि का उपयोग प्रभावी और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
विपक्ष का स्वर
विपक्ष ने इस निर्णय पर कुछ सवाल उठाए हैं। "जिला योजना निधि स्थानीय विकास के लिए है। क्या इसका उपयोग बाढ़ पीड़ितों के लिए करना उचित है? सरकार ने इसके लिए अलग से निधि क्यों नहीं उपलब्ध कराई?" विपक्षी नेताओं ने यह सवाल उठाया है। सरकार ने इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात में यह विकल्प अपरिहार्य था।

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