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बीएमसी चुनाव से पहले राजनीति गरमाई; मुंबई में लगे 'बुलडोजर बाबा' और 'देवभाऊ' के ​​पोस्टर

मुंबई, 14 अक्टूबर, 2025 - मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। 'आई लव मुहम्मद' विवाद की पृष्ठभूमि में, मुंबई के अंधेरी इलाके में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 'बुलडोजर बाबा' और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 'देवभाऊ' दिखाने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। ये पोस्टर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए हैं, जो चुनावी रणनीति में धार्मिक मुद्दों और सख्त सरकार की छवि बनाने की कोशिश को दर्शाते हैं। महाराष्ट्र में 31 जनवरी, 2026 तक स्थानीय निकाय चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों पक्षों की गतिविधियों को तेज कर दिया है।
इन पोस्टरों पर 'आई लव बुलडोजर बाबा' और 'आई लव देवभाऊ' के ​​नारे लिखे हैं। योगी आदित्यनाथ के पोस्टर में उन्हें 'बुलडोजर बाबा' के रूप में दर्शाया गया है, जो माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके कानून-व्यवस्था बनाए रखने की उनकी छवि को उजागर करता है। देवेंद्र फडणवीस के पोस्टर में विकास और मजबूत नेतृत्व की छवि के साथ-साथ बुलडोजर को मजबूत शासन का प्रतीक बताया गया है। ये पोस्टर 'आई लव मुहम्मद' विवाद के संदर्भ में लगाए गए हैं, जो दर्शाता है कि भाजपा की चुनावी नीति धार्मिक ध्रुवीकरण और सख्त शासन के मुद्दों का इस्तेमाल करेगी। चूँकि मुंबई महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी है, इसलिए बीएमसी चुनाव हमेशा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। इस बार महायुति यानी भाजपा, एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच संयुक्त मुकाबला होने की उम्मीद है। दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी में गठबंधन को लेकर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के साथ हाथ मिला सकती है, जबकि कांग्रेस, शरद पवार गुट की राकांपा के साथ या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ सकती है। राज ठाकरे के महाविकास अघाड़ी में शामिल होने का सवाल सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बन गया है। इस पृष्ठभूमि में, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अंधेरी जैसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में ऐसे पोस्टर लगाना महायुति की रणनीति है।
इन पोस्टरों ने मुंबई में राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। एक भाजपा नेता ने कहा, "योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस की यह जोड़ी मुंबईवासियों के विकास और सुरक्षा का प्रतीक है। बुलडोजर सिर्फ़ एक मशीन नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और अपराध के ख़िलाफ़ हमारी प्रतिबद्धता है।" दूसरी ओर, विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे हैं। शिवसेना (उद्धव) के एक प्रवक्ता ने कहा, "ये पोस्टर धार्मिक भावनाओं का शोषण करने की कोशिश हैं। मुंबईवासियों को विकास चाहिए, विवाद नहीं।" कांग्रेस ने भी इसे "राजनीतिक खेल" करार दिया है।
बीएमसी चुनावों की तैयारियाँ अब ज़ोर-शोर से शुरू हो गई हैं और विभिन्न दलों द्वारा उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है। मुंबई में कुल 227 वार्ड हैं और इनमें से ज़्यादातर वार्डों में महायुति का दबदबा बरकरार रहने की संभावना है, लेकिन महाविकास अघाड़ी भी कड़ी टक्कर देने वाली है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, चुनाव प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी, जिससे मुंबई में राजनीतिक गतिविधियाँ और बढ़ेंगी। इन पोस्टरों की वजह से 'बुलडोज़र' का कॉन्सेप्ट अब मुंबई की राजनीति में भी चर्चा में आ गया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह चुनाव प्रचार का हिस्सा बनता है या नहीं।
मुंबईवासियों के लिए, बीएमसी सिर्फ़ एक नगर निगम नहीं, बल्कि शहर के विकास की धुरी है। यह चुनाव सड़क, जलापूर्ति, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए अहम है। हालाँकि, राजनीतिक दलों द्वारा धार्मिक और व्यक्तिगत छवि पर ज़ोर दिए जाने से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा होने की संभावना है। जानकारों के अनुसार, इस चुनाव में मतदान प्रतिशत कम रह सकता है, क्योंकि मुद्दे स्पष्ट नहीं हैं।
ये घटनाक्रम महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकते हैं। योगी आदित्यनाथ की 'बुलडोजर' वाली छवि अब सिर्फ़ उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब महाराष्ट्र में भी इसका असर दिखेगा। यह मुहिम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के लिए फ़ायदेमंद होगी या नहीं, यह तो चुनाव नतीजों से ही तय होगा। कम से कम फ़िलहाल तो मुंबई की सड़कों पर लगे इन पोस्टरों ने सियासत को एक नया रूप दे दिया है।

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