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"शिवसेना में फूट, मुंबई में गद्दारों का जमावड़ा; राउत ने भाजपा पर साधा निशाना"

मुंबई, 2 अक्टूबर 2025: शिवसेना ठाकरे गुट और शिंदे गुट के बीच राजनीतिक घमासान एक बार फिर तेज़ हो गया है। दोनों गुटों के अलग-अलग दशहरा समागम आज मुंबई में आयोजित किए गए हैं और इस साल इन समागमों पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। शिवसेना में फूट के बाद पिछले कुछ सालों से दशहरा समागम दो गुटों में बँट गया है। ठाकरे गुट का समागम शिवाजी पार्क में होगा, जबकि शिंदे गुट का समागम बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में होगा। इन समागमों के दौरान दोनों गुट एक-दूसरे की कड़ी आलोचना करने की तैयारी में हैं।
शिवसेना ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने शिंदे गुट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कड़ी आलोचना की है। राउत ने शिंदे गुट पर तीखा हमला करते हुए कहा, "मोदी के सत्ता में आने के बाद से देश में एक नई परंपरा शुरू हो गई है। पहले वफादारों की सभाएँ होती थीं, लेकिन अब भाजपा की प्रेरणा से गद्दारों की सभाएँ हो रही हैं।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ठाकरे गुट की सभा गद्दारों को फटकार लगाने वाली सभा होगी। राउत के इस बयान ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।
दशहरा सभा की पृष्ठभूमि
2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद, एकनाथ शिंदे ने बगावत कर एक स्वतंत्र गुट बना लिया था। उसके बाद से, दोनों गुटों के बीच शिवसेना के आधिकारिक चिन्ह और नाम को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। हर साल की तरह, इस साल भी दशहरा सभा दोनों गुटों के लिए अपनी ताकत दिखाने का एक मौका है। ठाकरे गुट अपनी मूल विचारधारा पर अडिग होने का दावा कर रहा है, जबकि शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना बता रहा है। इन सभाओं के दौरान, दोनों गुट अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगे।
बारिश और राजनीतिक घमासान
मुंबई में इस समय बारिश का मौसम है और दशहरा सभाओं पर बारिश का खतरा मंडरा रहा है। बारिश के कारण सभाओं के आयोजन और कार्यकर्ताओं के उत्साह पर असर पड़ने की संभावना है। फिर भी, दोनों समूहों ने सभा की ज़ोरदार तैयारी की है। शिवाजी पार्क में होने वाली सभा में ठाकरे समूह के नेता उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे शामिल होंगे, जबकि शिंदे समूह की सभा में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल होंगे।
राउत का हमला
संजय राउत ने अपने साप्ताहिक मुखपत्र 'सामना' और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए शिंदे समूह और भाजपा की कड़ी आलोचना की। राउत ने कहा, "जिन लोगों ने शिवसेना के विचारों और बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात किया है, जनता उन पर कीचड़ उछालेगी।" उन्होंने आगे कहा कि ठाकरे समूह की सभा शिवसेना के सच्चे विचारों और महाराष्ट्र की पहचान को समर्पित है। उन्होंने यह भी कहा, "हम गद्दारों की सभा नहीं, बल्कि वफादारों की सभा कर रहे हैं।"
शिंदे गुट का पलटवार
शिंदे गुट ने भी ठाकरे गुट की आलोचना का जवाब दिया है। शिंदे गुट के नेता और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा, "हम असली शिवसेना हैं और हमारी सभा बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए है। ठाकरे गुट केवल आलोचना कर रहा है, लेकिन उनके पास विकास का कोई विजन नहीं है।" शिंदे गुट अपनी सभा में महायुति सरकार के कामकाज की प्रशंसा और कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए ठाकरे गुट की आलोचना कर सकता है।
कार्यकर्ताओं में उत्साह
दोनों गुटों के कार्यकर्ता सभा के लिए उत्साहित हैं। ठाकरे गुट के कार्यकर्ता शिवाजी पार्क में इकट्ठा होने लगे हैं, जबकि शिंदे गुट के कार्यकर्ता बीकेसी में बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। दोनों सभाओं में, नेता अपने-अपने गुटों को उनकी भविष्य की रणनीतियों और चुनावी तैयारियों पर मार्गदर्शन देंगे। इस वर्ष की सभाएँ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के प्रयासों का भी समय होंगी।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, दशहरा समागम न केवल दोनों समूहों के लिए शक्ति प्रदर्शन है, बल्कि आगामी चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का भी एक अवसर है। वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक प्रवीण बर्दापुरकर ने कहा, "शिवसेना में विभाजन केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक और वैचारिक भी है। दोनों ही समूह खुद को बालासाहेब का सच्चा उत्तराधिकारी बताते हैं। यही वजह है कि इस साल का समागम और भी ज़्यादा तीव्र और भावनात्मक होगा।"

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