ताज़ा खबर

सी.पी. राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति: एनडीए उम्मीदवार को 452 वोट मिले

मुंबई, 9 सितंबर, 2025:-राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत के उपराष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) के उम्मीदवार, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। चुनाव मंगलवार (9 सितंबर, 2025) को हुआ, जिसमें राधाकृष्णन 152 वोटों के अंतर से विजयी हुए।
चुनाव परिणाम और प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव संसद भवन में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक हुआ। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसद मैदान में थे। कुल 767 सांसदों ने मतदान किया, जिनमें से 752 वोट वैध और 15 वोट अवैध रहे। चुनाव अधिकारी और राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी ने परिणाम घोषित किए। एनडीए के पक्ष में कुछ क्रॉस-वोटिंग भी हुई क्योंकि विपक्षी गठबंधन को अपेक्षित 315 से 15 वोट कम मिले।
सी.पी. राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
67 वर्षीय सी.पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु के तिरुपुर के रहने वाले हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े रहे हैं। उन्होंने 1998 और 1999 में कोयंबटूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था। वे तमिलनाडु भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वे वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और झारखंड के राज्यपाल और तेलंगाना के अतिरिक्त प्रभारी राज्यपाल के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर राधाकृष्णन को उनके निर्वाचन पर बधाई दी। उन्होंने कहा, "सी.पी. राधाकृष्णन ने अपनी लंबी जनसेवा में समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता का परिचय दिया है। उन्होंने हमेशा समाज सेवा और वंचितों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे विश्वास है कि वे एक प्रेरक उपराष्ट्रपति बनेंगे।"
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हार स्वीकार करते हुए भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास व्यक्त किया। "मैं विनम्रतापूर्वक परिणाम स्वीकार करता हूँ और भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में पूर्ण विश्वास रखता हूँ। यह चुनाव केवल एक चुनाव नहीं था, यह एक वैचारिक संघर्ष था, और यह संघर्ष और भी ज़ोरदार तरीके से जारी रहेगा।"
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राधाकृष्णन को बधाई दी, लेकिन साथ ही उपराष्ट्रपति से संसदीय परंपराओं का पालन करने और विपक्षी दलों को समान अवसर और सम्मान देने का आग्रह किया। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने भी कहा कि विपक्षी गठबंधन को इस चुनाव में 40% वोट मिले, जो 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव के 26% वोटों की तुलना में उल्लेखनीय है।
तमिलनाडु में जश्न
राधाकृष्णन की जीत के बाद तमिलनाडु स्थित उनके गृहनगर तिरुपुर में जश्न मनाया गया। स्थानीय लोगों ने पटाखे फोड़े, मंदिरों में पूजा-अर्चना की और खाने-पीने के स्टॉल लगाए। राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुने जाने वाले तमिलनाडु के तीसरे नेता हैं। इससे पहले सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर. वेंकटरमन इस पद पर रह चुके हैं।
चुनाव का राजनीतिक गणित
उपराष्ट्रपति पद का चुनाव गुप्त मतदान और एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के माध्यम से हुआ। लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत के कारण एनडीए की जीत सुनिश्चित थी। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 11 सांसदों ने भी एनडीए को समर्थन देने की घोषणा की थी। हालाँकि, बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने चुनाव में मतदान न करने का फैसला किया।
राधाकृष्णन का वादा
चुनाव के बाद, राधाकृष्णन ने कहा, "यह जीत भारतीय राष्ट्रवाद की जीत है। हम सब एक हैं और एक रहेंगे। हम भारत को एक 'विकसित भारत' बनाना चाहते हैं, और यह जीत उसी दिशा में एक कदम है।" उन्होंने अपनी नई भूमिका में संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने और वंचितों के लिए काम करने का वादा किया है।
उपराष्ट्रपति पद की आवश्यकता क्यों पड़ी?
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के कारण यह चुनाव आवश्यक हो गया था। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके कार्यकाल के दौरान विपक्षी दलों के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण रहे और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया।

Releated