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मालेगाव शिक्षक भरती घोटाळ्यात धक्कादायक खुलासे, शिक्षण विभागाचे अधिकारी गजाआड

मालेगांव, 10 सितंबर, 2025: नासिक आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मालेगांव में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इस घोटाले ने पूरे शिक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया है और फर्जी स्कूल आईडी के जरिए अयोग्य शिक्षकों की नियुक्ति का एक गंभीर मामला सामने आया है। इस मामले में अब तक पाँच शिक्षकों और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि जाँच अभी जारी है।
घोटाले का पर्दाफाश
मालेगांव हाई स्कूल और अंजुमन मोइनुत तुलबा में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की जानकारी सामने आने के बाद नासिक पुलिस ने जाँच शुरू की। जाँच में पाया गया कि फर्जी स्कूल आईडी के आधार पर अयोग्य उम्मीदवारों को शिक्षक नियुक्त किया गया था। इससे करोड़ों रुपये के सरकारी धन के गबन का संदेह है। नासिक आर्थिक अपराध शाखा द्वारा की गई गहन जाँच में पता चला कि शिक्षा विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारी इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल थे।
गिरफ्तार अधिकारी और शिक्षक
इस मामले में अब तक पाँच शिक्षकों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें मालेगांव हाई स्कूल के कुछ शिक्षक भी शामिल हैं। इसके अलावा, शिक्षा विभाग के दो प्रमुख अधिकारियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। इन अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति करने का आरोप है। गिरफ्तार अधिकारियों में एक वरिष्ठ शिक्षा उपनिदेशक भी शामिल हैं, जिन्होंने घोटाले की जाँच समिति का नेतृत्व किया था। इससे शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
घोटाले का वित्तीय प्रभाव
इस घोटाले से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। फर्जी शालार्थ आईडी के जरिए नियुक्त शिक्षकों को नियमित वेतन और अन्य सुविधाएँ दी गईं, जिससे सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ा। सूत्रों के अनुसार, घोटाले का प्रारंभिक अनुमान 100 से 200 करोड़ रुपये हो सकता है। इसी के चलते, शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की माँग ज़ोर पकड़ रही है।
पुलिस जाँच और आगे की कार्रवाई
नासिक पुलिस ने इस मामले में एक विशेष जाँच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो घोटाले की जड़ तक पहुँचने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और साक्ष्य जब्त किए हैं। इसके अलावा, कुछ और संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की संभावना है, और जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
समाज और शिक्षा जगत की प्रतिक्रिया
इस घोटाले के सामने आने के बाद, मालेगांव समेत पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश की लहर फैल गई है। शिक्षक संघों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता की माँग की है। स्थानीय नागरिकों ने मामले की गहन जाँच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कानून और नियम लागू करने की आवश्यकता जताई जा रही है।

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