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राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर हमला: पूरे देश में "वोट चोर, गड्डी चढ़" का नारा लग रहा है

नई दिल्ली, 10 सितंबर, 2025: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि पूरे देश में "वोट चोर, गड्डी चढ़" का नारा लग रहा है। राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सत्तारूढ़ दल की आलोचना करते हुए यह मुद्दा उठाया। उनके इस बयान से एक बार फिर राजनीतिक माहौल गरमाने की संभावना है।
"चुनाव प्रक्रिया पर सवालिया निशान"
राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "इस देश की जनता चुनाव प्रक्रिया पर भरोसा करती है, लेकिन मौजूदा सरकार ने इस भरोसे को तोड़ दिया है। 'वोट चोर, गड्डी चढ़' का नारा अब देश के हर कोने में लग रहा है। हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और संसद में जनता की आवाज बुलंद करते रहेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन (भारत अघाड़ी) मिलकर इस मुद्दे से लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग की भी आलोचना
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि, "चुनाव आयोग स्वायत्तता से काम नहीं कर रहा है और सत्ताधारी दल के दबाव में है। हम चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करते रहेंगे।" उन्होंने इस संबंध में कई राज्यों में कथित अनियमितताओं का ज़िक्र किया और इसकी विस्तृत जाँच की माँग की।
सत्तारूढ़ दल का पलटवार
सत्तारूढ़ दल ने राहुल गांधी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, "राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी हार स्वीकार नहीं कर सकते। इसलिए वे ऐसे बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग स्वायत्त है और उन्होंने देश में निष्पक्ष चुनाव कराए हैं।" उन्होंने मांग की कि राहुल गांधी देश की जनता का अपमान करने वाले बयान देना बंद करें।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, राहुल गांधी का यह बयान आने वाले दिनों में विपक्षी दलों की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। कांग्रेस और इंडिया अलायंस द्वारा "वोट चोर, गद्दी छोड़" नारे का इस्तेमाल सरकार को दुविधा में डालने की कोशिश के लिए किया जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना विपक्षी दलों का पुराना हथियार है, लेकिन इस बार राहुल गांधी ने इस मुद्दे को और भी आक्रामक तरीके से उठाया है।
जनता की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। कुछ लोगों ने उनके नारे का समर्थन किया है और सरकार की आलोचना की है, जबकि कुछ ने इसे सिर्फ़ एक राजनीतिक स्टंट बताया है। एक ट्विटर यूज़र ने लिखा, "राहुल गांधी ने लोगों की भावनाओं को व्यक्त किया है। चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता ज़रूरी है।" वहीं एक अन्य यूज़र ने लिखा, "यह कांग्रेस के प्रचार का एक हिस्सा मात्र है। उनके पास और कोई मुद्दा नहीं है।"
आगे की रणनीति क्या है?
राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर इस मुद्दे पर लड़ने का ऐलान किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस संबंध में देश भर में विरोध प्रदर्शन और जागरूकता अभियान चलाने की योजना बनाई है। इंडिया अलायंस के अन्य दलों ने भी इस मुद्दे पर राहुल गांधी का समर्थन किया है। दूसरी ओर, सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
चुनावी सुधारों की ज़रूरत
राहुल गांधी के बयान ने एक बार फिर चुनावी सुधारों पर चर्चा शुरू कर दी है। कई विशेषज्ञों ने चुनावी प्रक्रिया में ज़्यादा पारदर्शिता और तकनीक के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया है। कुछ ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं, तो कुछ ने इसे चुनाव आयोग की कार्यकुशलता से जोड़ा है।
इन सभी घटनाक्रमों ने देश में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी का नारा "वोट चोर, गद्दी खाली करो" कितना कारगर साबित होता है।

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