दिल्ली ब्लास्ट के बाद आर्मी चीफ की पाकिस्तान को सख्त चेतावनी: 'ऑपरेशन सिंदूर' तो बस एक ट्रेलर है!
नई दिल्ली, 17 नवंबर, 2025: देश की राजधानी दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए एक संदिग्ध विस्फोट के बाद पूरा सुरक्षा तंत्र हाई अलर्ट पर आ गया है। इस घटना ने जहां पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है, वहीं भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हाल ही में चलाया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' तो बस एक ट्रेलर था और भारत किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस चेतावनी से पाकिस्तान और उसके आतंकी समर्थकों में डर पैदा हो गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत की ताकत एक बार फिर दुनिया के सामने आ गई है।
दिल्ली में हुई यह घटना बेहद गंभीर प्रकृति की है। शुरुआती जानकारी है कि लाल किले के पास भीड़भाड़ वाली जगह पर हुए विस्फोट में कुछ लोग घायल हुए हैं, वहीं विस्फोट की तेज आवाज से इलाके के नागरिकों में दहशत फैल गई। हालांकि दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की तत्काल कार्रवाई से स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। प्रारंभिक जाँच से संकेत मिलता है कि विस्फोट पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंजाम दिया गया हो सकता है। पुलिस ने विस्फोट स्थल से मिले अवशेषों का विश्लेषण शुरू कर दिया है और सीसीटीवी फुटेज व प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जाँच कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
विस्फोट के बाद, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (17 नवंबर) को नई दिल्ली में आयोजित 'चाणक्य रक्षा संवाद' सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर तो बस एक ट्रेलर था। हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत शांति चाहता है, लेकिन हम आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले किसी भी देश या संगठन को कड़ा जवाब देंगे। बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। अगर पाकिस्तान हमें एक और मौका देता है, तो हम उन्हें सिखाएँगे कि अपने पड़ोसियों के साथ ज़िम्मेदारी से कैसे पेश आना है।" इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया और सेना प्रमुख के शब्दों से भारत के दृढ़ संकल्प की झलक मिली। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन बन गया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई थी। भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जो मात्र 88 घंटों में सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों, प्रशिक्षण शिविरों और हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय वायुसेना के सटीक हमलों ने दुश्मन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका लगा। ऑपरेशन की सफलता के बारे में बोलते हुए, सेना प्रमुख ने कहा, "यह ऑपरेशन हमारी क्षमता और तैयारियों को दर्शाता है। हम किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।"
इस घटना ने राजनीतिक और रणनीतिक विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी है। हालाँकि कांग्रेस नेताओं और विपक्षी दलों ने विस्फोट के बाद सुरक्षा में ढिलाई के लिए सरकार की आलोचना की है, लेकिन भाजपा नेताओं ने सेना प्रमुख की चेतावनी का समर्थन करते हुए कहा है, "भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। हर हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा।" रक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त जनरल वी. के. सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान दुश्मन को सबक सिखाते हैं। दिल्ली विस्फोट पाकिस्तान की हताशा का प्रतीक है, क्योंकि वे हमारी क्षमताओं का सामना नहीं कर सकते।" दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत का पक्ष लिया है और पाकिस्तान से आतंकवाद रोकने की अपील की है।
दिल्ली विस्फोट के बाद, सेना ने देश भर में महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सीमा सुरक्षा कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और वायु सेना के विमानों को तैयार रहने का संकेत दिया गया है। नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है। हालाँकि इस घटना ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा के सामने खड़ी चुनौतियों को उजागर कर दिया है, लेकिन सेना प्रमुख की चेतावनी ने देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
सेना प्रमुख ने दोहराया कि हम भारत की शांतिपूर्ण नीति को चुनौती देने वाली किसी भी ताकत का जवाब देंगे। 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अभियानों के ज़रिए भारत ने साबित कर दिया है कि हमारी ताकत सिर्फ़ बातों में नहीं, बल्कि काम में भी है। दिल्ली विस्फोट न सिर्फ़ एक नया अध्याय है, बल्कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का एक हिस्सा भी है। सेना प्रमुख ने देशवासियों से एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करने की अपील की। घटना की जाँच चल रही है और सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी। इस कठिन समय में देश की सुरक्षा में सेना और पुलिस बलों का योगदान अमूल्य है। जहाँ पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित है कि 'ट्रेलर' के बाद 'मुख्य फ़िल्म' कब शुरू होगी, वहीं भारत ने अपनी तत्परता दिखाई है। भारत का दृढ़ संकल्प है कि वह शांति और प्रगति की राह में किसी भी बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगा।
नई दिल्ली, 17 नवंबर, 2025: देश की राजधानी दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए एक संदिग्ध विस्फोट के बाद पूरा सुरक्षा तंत्र हाई अलर्ट पर आ गया है। इस घटना ने जहां पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है, वहीं भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हाल ही में चलाया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' तो बस एक ट्रेलर था और भारत किसी भी तरह की आतंकी कार्रवाई से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस चेतावनी से पाकिस्तान और उसके आतंकी समर्थकों में डर पैदा हो गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भारत की ताकत एक बार फिर दुनिया के सामने आ गई है।
दिल्ली में हुई यह घटना बेहद गंभीर प्रकृति की है। शुरुआती जानकारी है कि लाल किले के पास भीड़भाड़ वाली जगह पर हुए विस्फोट में कुछ लोग घायल हुए हैं, वहीं विस्फोट की तेज आवाज से इलाके के नागरिकों में दहशत फैल गई। हालांकि दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की तत्काल कार्रवाई से स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। प्रारंभिक जाँच से संकेत मिलता है कि विस्फोट पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंजाम दिया गया हो सकता है। पुलिस ने विस्फोट स्थल से मिले अवशेषों का विश्लेषण शुरू कर दिया है और सीसीटीवी फुटेज व प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जाँच कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
विस्फोट के बाद, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (17 नवंबर) को नई दिल्ली में आयोजित 'चाणक्य रक्षा संवाद' सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर तो बस एक ट्रेलर था। हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत शांति चाहता है, लेकिन हम आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले किसी भी देश या संगठन को कड़ा जवाब देंगे। बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। अगर पाकिस्तान हमें एक और मौका देता है, तो हम उन्हें सिखाएँगे कि अपने पड़ोसियों के साथ ज़िम्मेदारी से कैसे पेश आना है।" इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया और सेना प्रमुख के शब्दों से भारत के दृढ़ संकल्प की झलक मिली। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन बन गया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई थी। भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जो मात्र 88 घंटों में सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों, प्रशिक्षण शिविरों और हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय वायुसेना के सटीक हमलों ने दुश्मन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका लगा। ऑपरेशन की सफलता के बारे में बोलते हुए, सेना प्रमुख ने कहा, "यह ऑपरेशन हमारी क्षमता और तैयारियों को दर्शाता है। हम किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।"
इस घटना ने राजनीतिक और रणनीतिक विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी है। हालाँकि कांग्रेस नेताओं और विपक्षी दलों ने विस्फोट के बाद सुरक्षा में ढिलाई के लिए सरकार की आलोचना की है, लेकिन भाजपा नेताओं ने सेना प्रमुख की चेतावनी का समर्थन करते हुए कहा है, "भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। हर हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा।" रक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त जनरल वी. के. सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान दुश्मन को सबक सिखाते हैं। दिल्ली विस्फोट पाकिस्तान की हताशा का प्रतीक है, क्योंकि वे हमारी क्षमताओं का सामना नहीं कर सकते।" दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत का पक्ष लिया है और पाकिस्तान से आतंकवाद रोकने की अपील की है।
दिल्ली विस्फोट के बाद, सेना ने देश भर में महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सीमा सुरक्षा कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और वायु सेना के विमानों को तैयार रहने का संकेत दिया गया है। नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है। हालाँकि इस घटना ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा के सामने खड़ी चुनौतियों को उजागर कर दिया है, लेकिन सेना प्रमुख की चेतावनी ने देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
सेना प्रमुख ने दोहराया कि हम भारत की शांतिपूर्ण नीति को चुनौती देने वाली किसी भी ताकत का जवाब देंगे। 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अभियानों के ज़रिए भारत ने साबित कर दिया है कि हमारी ताकत सिर्फ़ बातों में नहीं, बल्कि काम में भी है। दिल्ली विस्फोट न सिर्फ़ एक नया अध्याय है, बल्कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का एक हिस्सा भी है। सेना प्रमुख ने देशवासियों से एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करने की अपील की। घटना की जाँच चल रही है और सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी। इस कठिन समय में देश की सुरक्षा में सेना और पुलिस बलों का योगदान अमूल्य है। जहाँ पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित है कि 'ट्रेलर' के बाद 'मुख्य फ़िल्म' कब शुरू होगी, वहीं भारत ने अपनी तत्परता दिखाई है। भारत का दृढ़ संकल्प है कि वह शांति और प्रगति की राह में किसी भी बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगा।
दिल्ली में हुई यह घटना बेहद गंभीर प्रकृति की है। शुरुआती जानकारी है कि लाल किले के पास भीड़भाड़ वाली जगह पर हुए विस्फोट में कुछ लोग घायल हुए हैं, वहीं विस्फोट की तेज आवाज से इलाके के नागरिकों में दहशत फैल गई। हालांकि दिल्ली पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की तत्काल कार्रवाई से स्थिति पर काबू पा लिया गया, लेकिन जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। प्रारंभिक जाँच से संकेत मिलता है कि विस्फोट पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा अंजाम दिया गया हो सकता है। पुलिस ने विस्फोट स्थल से मिले अवशेषों का विश्लेषण शुरू कर दिया है और सीसीटीवी फुटेज व प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जाँच कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
विस्फोट के बाद, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार (17 नवंबर) को नई दिल्ली में आयोजित 'चाणक्य रक्षा संवाद' सम्मेलन को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को सीधी चेतावनी दी। उन्होंने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर तो बस एक ट्रेलर था। हम किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।" उन्होंने आगे कहा, "भारत शांति चाहता है, लेकिन हम आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले किसी भी देश या संगठन को कड़ा जवाब देंगे। बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते। अगर पाकिस्तान हमें एक और मौका देता है, तो हम उन्हें सिखाएँगे कि अपने पड़ोसियों के साथ ज़िम्मेदारी से कैसे पेश आना है।" इस बयान पर सदन में हंगामा मच गया और सेना प्रमुख के शब्दों से भारत के दृढ़ संकल्प की झलक मिली। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन बन गया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या कर दी थी, जिससे पूरे देश में गुस्से की लहर फैल गई थी। भारत ने इस हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया, जो मात्र 88 घंटों में सफलतापूर्वक पूरा हो गया। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों, प्रशिक्षण शिविरों और हवाई ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय वायुसेना के सटीक हमलों ने दुश्मन के कई महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे आतंकवादी संगठनों को बड़ा झटका लगा। ऑपरेशन की सफलता के बारे में बोलते हुए, सेना प्रमुख ने कहा, "यह ऑपरेशन हमारी क्षमता और तैयारियों को दर्शाता है। हम किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा का ध्यान रखेंगे।"
इस घटना ने राजनीतिक और रणनीतिक विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी है। हालाँकि कांग्रेस नेताओं और विपक्षी दलों ने विस्फोट के बाद सुरक्षा में ढिलाई के लिए सरकार की आलोचना की है, लेकिन भाजपा नेताओं ने सेना प्रमुख की चेतावनी का समर्थन करते हुए कहा है, "भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। हर हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा।" रक्षा विशेषज्ञ सेवानिवृत्त जनरल वी. के. सिंह ने एक साक्षात्कार में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान दुश्मन को सबक सिखाते हैं। दिल्ली विस्फोट पाकिस्तान की हताशा का प्रतीक है, क्योंकि वे हमारी क्षमताओं का सामना नहीं कर सकते।" दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत का पक्ष लिया है और पाकिस्तान से आतंकवाद रोकने की अपील की है।
दिल्ली विस्फोट के बाद, सेना ने देश भर में महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। सीमा सुरक्षा कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और वायु सेना के विमानों को तैयार रहने का संकेत दिया गया है। नागरिकों से सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है। हालाँकि इस घटना ने एक बार फिर भारत की सुरक्षा के सामने खड़ी चुनौतियों को उजागर कर दिया है, लेकिन सेना प्रमुख की चेतावनी ने देशवासियों का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
सेना प्रमुख ने दोहराया कि हम भारत की शांतिपूर्ण नीति को चुनौती देने वाली किसी भी ताकत का जवाब देंगे। 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे अभियानों के ज़रिए भारत ने साबित कर दिया है कि हमारी ताकत सिर्फ़ बातों में नहीं, बल्कि काम में भी है। दिल्ली विस्फोट न सिर्फ़ एक नया अध्याय है, बल्कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई का एक हिस्सा भी है। सेना प्रमुख ने देशवासियों से एकजुट होकर इन चुनौतियों का सामना करने की अपील की। घटना की जाँच चल रही है और सरकार ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को कड़ी सज़ा दी जाएगी। इस कठिन समय में देश की सुरक्षा में सेना और पुलिस बलों का योगदान अमूल्य है। जहाँ पाकिस्तान इस बात को लेकर चिंतित है कि 'ट्रेलर' के बाद 'मुख्य फ़िल्म' कब शुरू होगी, वहीं भारत ने अपनी तत्परता दिखाई है। भारत का दृढ़ संकल्प है कि वह शांति और प्रगति की राह में किसी भी बाधा को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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