
"हिंदी भाषा जीआर के पीछे फडणवीस-ठाकरे की साजिश? नाना पटोले का बड़ा आरोप"
मुंबई:- फिर हिंदी भाषा जीआर कैसे सामने आई? फडणवीस-राज की मुलाकात पर नाना पटोले का गंभीर दावा
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के मुद्दे पर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषा जीआर जारी करने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की मुलाकात के पीछे एक साजिश है। इस मुलाकात के कारण राज्य में मराठी अस्मिता का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
पटोले ने कहा, "फडणवीस और ठाकरे के बीच हुई मुलाकात महज एक राजनीतिक चाल है। हिंदी भाषा जीआर को हटाने और मराठी भाषा को बाहर करने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे एक बड़ी साजिश है।" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की है और मांग की है कि मराठी भाषी लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
इस बीच, फडणवीस और ठाकरे ने अभी तक इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बहरहाल, इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक चर्चाओं को नया आयाम दे दिया है। संभावना है कि मराठी-हिंदी भाषा विवाद में एक नया युग शुरू होगा।
मुंबई:- फिर हिंदी भाषा जीआर कैसे सामने आई? फडणवीस-राज की मुलाकात पर नाना पटोले का गंभीर दावा
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के मुद्दे पर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषा जीआर जारी करने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की मुलाकात के पीछे एक साजिश है। इस मुलाकात के कारण राज्य में मराठी अस्मिता का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
पटोले ने कहा, "फडणवीस और ठाकरे के बीच हुई मुलाकात महज एक राजनीतिक चाल है। हिंदी भाषा जीआर को हटाने और मराठी भाषा को बाहर करने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे एक बड़ी साजिश है।" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की है और मांग की है कि मराठी भाषी लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
इस बीच, फडणवीस और ठाकरे ने अभी तक इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बहरहाल, इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक चर्चाओं को नया आयाम दे दिया है। संभावना है कि मराठी-हिंदी भाषा विवाद में एक नया युग शुरू होगा।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने हिंदी भाषा को अनिवार्य करने के मुद्दे पर राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। उन्होंने दावा किया कि हिंदी भाषा जीआर जारी करने के लिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की मुलाकात के पीछे एक साजिश है। इस मुलाकात के कारण राज्य में मराठी अस्मिता का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है।
पटोले ने कहा, "फडणवीस और ठाकरे के बीच हुई मुलाकात महज एक राजनीतिक चाल है। हिंदी भाषा जीआर को हटाने और मराठी भाषा को बाहर करने की कोशिश की जा रही है। इसके पीछे एक बड़ी साजिश है।" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की है और मांग की है कि मराठी भाषी लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
इस बीच, फडणवीस और ठाकरे ने अभी तक इन दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बहरहाल, इस विवाद ने राज्य में राजनीतिक चर्चाओं को नया आयाम दे दिया है। संभावना है कि मराठी-हिंदी भाषा विवाद में एक नया युग शुरू होगा।