
ईरान में युद्ध की रोमांचक कहानी, ऑपरेशन सिंधु के तहत सुरक्षित वापसी
नई दिल्ली, 19 जून, 2025: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात के कारण ईरान में फंसे 110 भारतीय छात्रों को ऑपरेशन सिंधु के तहत सुरक्षित भारत वापस लाया गया। इनमें से एक कश्मीरी छात्रा वार्ता ने दिल्ली पहुंचने के बाद ईरान में अपने दर्दनाक अनुभव को बयां किया।
वार्ता ने कहा, "हमें नहीं लगता था कि हम सुरक्षित घर लौट पाएंगे। ईरान में स्थिति बहुत गंभीर थी। हमारे आसपास बम धमाके हो रहे थे, मिसाइलें दिखाई दे रही थीं। हम बहुत डरे हुए थे।" उन्होंने भारतीय दूतावास और सरकार का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने तुरंत कदम उठाए और उन्हें आर्मेनिया के रास्ते भारत लाया।
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अनुसार, उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के 110 छात्रों में से 90 कश्मीर घाटी से हैं। एक अन्य छात्र मीर खलीफ ने कहा, "हमारे पड़ोस में बम गिरे। ऐसा लगा जैसे युद्ध चल रहा है। हम आभारी हैं कि भारत सरकार ने हमें बचाया।" विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया और कहा कि 'ऑपरेशन सिंधु' अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से आधे छात्र हैं, जो मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। युद्धग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को वापस लाने का यह भारत का पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले 2022 में 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से और 2023 में 'ऑपरेशन अजय' के तहत इजरायल से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया था।
नई दिल्ली, 19 जून, 2025: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात के कारण ईरान में फंसे 110 भारतीय छात्रों को ऑपरेशन सिंधु के तहत सुरक्षित भारत वापस लाया गया। इनमें से एक कश्मीरी छात्रा वार्ता ने दिल्ली पहुंचने के बाद ईरान में अपने दर्दनाक अनुभव को बयां किया।
वार्ता ने कहा, "हमें नहीं लगता था कि हम सुरक्षित घर लौट पाएंगे। ईरान में स्थिति बहुत गंभीर थी। हमारे आसपास बम धमाके हो रहे थे, मिसाइलें दिखाई दे रही थीं। हम बहुत डरे हुए थे।" उन्होंने भारतीय दूतावास और सरकार का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने तुरंत कदम उठाए और उन्हें आर्मेनिया के रास्ते भारत लाया।
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अनुसार, उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के 110 छात्रों में से 90 कश्मीर घाटी से हैं। एक अन्य छात्र मीर खलीफ ने कहा, "हमारे पड़ोस में बम गिरे। ऐसा लगा जैसे युद्ध चल रहा है। हम आभारी हैं कि भारत सरकार ने हमें बचाया।" विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया और कहा कि 'ऑपरेशन सिंधु' अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से आधे छात्र हैं, जो मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। युद्धग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को वापस लाने का यह भारत का पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले 2022 में 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से और 2023 में 'ऑपरेशन अजय' के तहत इजरायल से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया था।
वार्ता ने कहा, "हमें नहीं लगता था कि हम सुरक्षित घर लौट पाएंगे। ईरान में स्थिति बहुत गंभीर थी। हमारे आसपास बम धमाके हो रहे थे, मिसाइलें दिखाई दे रही थीं। हम बहुत डरे हुए थे।" उन्होंने भारतीय दूतावास और सरकार का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने तुरंत कदम उठाए और उन्हें आर्मेनिया के रास्ते भारत लाया।
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के अनुसार, उर्मिया मेडिकल यूनिवर्सिटी के 110 छात्रों में से 90 कश्मीर घाटी से हैं। एक अन्य छात्र मीर खलीफ ने कहा, "हमारे पड़ोस में बम गिरे। ऐसा लगा जैसे युद्ध चल रहा है। हम आभारी हैं कि भारत सरकार ने हमें बचाया।" विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने दिल्ली एयरपोर्ट पर छात्रों का स्वागत किया और कहा कि 'ऑपरेशन सिंधु' अपने नागरिकों की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान में करीब 4,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से आधे छात्र हैं, जो मुख्य रूप से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। युद्धग्रस्त क्षेत्रों से नागरिकों को वापस लाने का यह भारत का पहला प्रयास नहीं है। इससे पहले 2022 में 'ऑपरेशन गंगा' के तहत यूक्रेन से और 2023 में 'ऑपरेशन अजय' के तहत इजरायल से भारतीयों को सुरक्षित वापस लाया गया था।