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राज्य में परियोजनाओं का भूमि अधिग्रहण तय समय पर पूरा करें- *देवेंद्र फडणवीस*

मुंबई, दिनांक 19 – राज्य में सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भूमि अधिग्रहण तय समय पर पूरा किया जाना चाहिए और परियोजनाओं को जल्द से जल्द पटरी पर लाया जाना चाहिए। साथ ही, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज सभी संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि भूमि अधिग्रहण की कमी के कारण कोई भी परियोजना विलंबित न हो। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपने वर्षा निवास पर राज्य में महत्वपूर्ण परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण की समीक्षा की। उस समय मुख्यमंत्री फडणवीस ने ये निर्देश दिए। इस अवसर पर राज्य में नागपुर-गोवा शक्तिपीठ महामार्ग, विरार-अलीबाग कॉरिडोर, जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे, पुणे रिंग रोड पूर्व, पश्चिम और विस्तार, भंडारा-गढ़चिरौली एक्सप्रेसवे, नागपुर-चंद्रपुर एक्सप्रेसवे, नागपुर-गोंडिया एक्सप्रेसवे, नवेगांव (मोड़)-सूरजागड़ मिनरल कॉरिडोर, वधान-इगतपुरी एक्सप्रेसवे सहित सड़क परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ वर्धा-नांदेड़, वर्धा-गढ़चिरौली रेलवे परियोजनाओं और कोल्हापुर, कराड, अकोला, गढ़चिरौली और छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डों के भूमि अधिग्रहण की विस्तृत समीक्षा की गई। परियोजनाओं में देरी से उनकी लागत में भारी वृद्धि होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए सभी एजेंसियों को समयसीमा दी गई है। इसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। सभी एजेंसियों और संबंधित अधिकारियों को मिशन मोड पर काम करना चाहिए। भूमि अधिग्रहण के काम को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और तुरंत शुरू किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि इस संबंध में सभी को गुणात्मक और रचनात्मक कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि शक्तिपीठ राजमार्ग योजना को पूरी गति से चलाया जाना चाहिए और इसकी योजना तैयार की जानी चाहिए। ताकि न्यूनतम वन भूमि प्रभावित हो। वित्त विभाग को इस सड़क के भूमि अधिग्रहण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराना चाहिए। चूंकि विरार अलीबाग कॉरिडोर के मोरबे से करंजा खंड में वन भूमि और मैंग्रोव वन हैं, इसलिए आवश्यक परमिट प्राप्त करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जानी चाहिए। साथ ही, इस परियोजना के लिए परमिट प्राप्त करते समय, प्रशासनिक प्रक्रिया को समानांतर रूप से जारी रखा जाना चाहिए। इस प्रकार, काम को गति दी जा सकती है। सागरमाला योजना में वधान-इगतपुरी एक्सप्रेसवे को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाना चाहिए। परभणी जिले के सेलू में जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। भंडारा-गढ़चिरौली, नागपुर-चंद्रपुर, नागपुर-गोंदिया समेत विदर्भ के सभी एक्सप्रेस-वे की योजनाओं को अंतिम रूप देकर पूरी गति से चलाया जाए। वर्धा-गढ़चिरौली और वर्धा-नांदेड़ रेलवे लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए और काम शुरू किया जाए। ऐसे निर्देश भी मुख्यमंत्री फडणवीस ने दिए। गढ़चिरौली हवाई अड्डे का ओएलएस किया जाए और इसका प्रस्ताव गढ़चिरौली जिला कलेक्टर द्वारा भेजा जाए। अकोला में हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई बढ़ाकर 2400 मीटर की जाए। अकोला में एक सुंदर और आधुनिक तथा बड़ा हवाई अड्डा बनाया जाए, ये निर्देश मुख्यमंत्री फडणवीस ने राज्य में हवाई अड्डे की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए दिए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए कि राज्य में 11 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक 53 हजार 354 करोड़ रुपये की निधि उपलब्ध कराई जाए। इस बैठक में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार, सार्वजनिक निर्माण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर, वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, परिवहन एवं बंदरगाह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय सेठी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता, नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम कुमार गुप्ता, महाराष्ट्र सड़क विकास महामंडल के प्रबंध निदेशक अनिल गायकवाड़ आदि उपस्थित थे।

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