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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंग्रेजी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लेकर बड़ा बयान दिया है।

 मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अंग्रेजी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों को जल्द ही शर्म आएगी। उन्होंने यह बयान इस बात पर जोर देते हुए दिया कि देशभक्ति की असली पहचान भारतीय भाषाओं में है। शाह ने आगे कहा कि भारत की भाषाई विरासत पर गर्व करते हुए और अपनी मातृभाषाओं को फिर से उनका उचित स्थान दिलाते हुए दुनिया का नेतृत्व करने का समय आ गया है। पूर्व आईएएस अधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक 'मैं बुंद स्वयं, खुद सागर हूं' के लोकार्पण अवसर पर बोलते हुए शाह ने कहा, "इस देश में जल्द ही एक ऐसा समाज उभरेगा, जहां अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म महसूस होगी। दृढ़ निश्चयी लोग ही बदलाव ला सकते हैं। हमारे देश की भाषाएं हमारी संस्कृति का रत्न हैं। मेरा मानना ​​है कि हम अपनी भाषाओं के बिना सच्चे भारतीय नहीं हो सकते।
हमारे देश, हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और हमारे धर्म को समझने के लिए कोई भी विदेशी भाषा पर्याप्त नहीं है। अधूरी विदेशी भाषाओं के माध्यम से पूरे भारत की कल्पना नहीं की जा सकती। मैं भलीभांति जानता हूं कि यह लड़ाई कितनी कठिन है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय समाज इस लड़ाई को जीतेगा। एक बार फिर स्वाभिमान के साथ हम अपनी भाषाओं में अपना देश चलाएंगे और दुनिया का नेतृत्व भी करेंगे।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अनंत काल के लिए 'पंच प्रण' (पांच प्रतिज्ञाओं) की नींव रखी है। विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना, गुलामी के हर निशान से छुटकारा पाना, अपनी विरासत पर गर्व करना, एकता और एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध होना और प्रत्येक नागरिक में कर्तव्य की भावना जगाना - ये पांच प्रतिज्ञाएं 130 करोड़ लोगों का संकल्प बन गई हैं। इसलिए हम 2047 तक शीर्ष पर होंगे और इस यात्रा में हमारी भाषाओं की अहम भूमिका होगी।
पूर्व आईएएस अधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री की पुस्तक पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों के प्रशिक्षण में बदलाव की जरूरत है।

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